उत्तराखंड: रविन्द्र का आर्मी अस्पताल में निधन, सैन्य सम्मान के साथ पहाड़ में दी गई अंतिम विदाई
अभी अभी राज्य के उत्तरकाशी जिले से बहुत ही दुखद खबर मिली है। जहां भारतीय सेना के एक वीर जांबाज सिपाही की बीमारी की वजह से मौत हो गई। बताया गया है कि मृतक जवान लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले दो-तीन महीनो से उनका देहरादून स्थित आर्मी अस्पताल में उपचार चल रहा था। बुधवार को अचानक उनकी तबीयत काफी बिगड़ने लगी और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने जान की परवाह किए बगैर जान न्योछावर करने वाले राज्य के इस वीर सपूत ने मौत से हार मान ली। उनकी मौत की खबर से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। कल देर रात ही परिजनों द्वारा उनका पार्थिव शरीर उत्तरकाशी लाया गया जहां आज सुबह उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। बताया गया है कि मृतक जवान की आयु अभी केवल 38 वर्ष थी और वह अपने पीछे पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ पूरा हंसता-खेलता परिवार छोड़ गए हैं। इस हादसे से उनके पिताजी अभी तक बेसुध पड़े हैं। बच्चों सहित पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
बता दें कि भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स की 5वीं बटालियन में तैनात रविन्द्र डंगवाल का बुधवार को कैंसर की लम्बी बिमारी के बाद निधन हो गया। उनके एक करीबी रिश्तेदार लोकेंद्र भट्ट ने देवभूमि दर्शन से हुई बातचीत में बताया कि उनके मामा रविन्द्र डंगवाल उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के बग्याल गांव के रहने वाले थे। भारतीय सेना में वर्तमान में उनकी तैनाती असम में थी परन्तु वह काफी समय से कैंसर की बिमारी से पीड़ित थे। जिस कारण पिछले दो-तीन महीनों से उनका इलाज देहरादून के आर्मी अस्पताल में चल रहा था। बुधवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी और उन्होंने अस्पताल में ही दम तोड दिया। आज उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ उत्तरकाशी स्थित उनके पैतृक घाट केदारघाट में किया गया। इस दौरान सबसे पहले सैनिकों ने वीर सपूत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया और एक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा देश के इस वीर जवान सपूत की निशानी के तौर पर उनके पिता मुरारी डंगवाल को दिया गया। लोकेंद्र ने बताया कि मृतक जवान के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनमें उनका बड़ा लड़का ग्यारहवीं में पढ़ता है जबकि छोटी लड़की नौवीं कक्षा की छात्रा है। इसके साथ ही इनके छोटे भाई भी भारतीय सेना में तैनात हैं।