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Roshni and gunjan of almora Uttarakhand board result 2024

UTTARAKHAND BOARD TOPPER

अल्मोड़ा की दो सगी बहनें भी मेरिट सूची में शामिल 2किमी पैदल चल बिना ट्यूशन के बनाया स्थान

Uttarakhand board result 2024: रोजाना 2 किमी पैदल चलकर पहुंचती थी स्कूल, बिना किसी ट्यूशन के रोशनी ने हासिल किए 92% तो गुंजन को मिले 94.8%, मेरिट सूची में भी हुई शामिल…

Uttarakhand board result 2024
बीते दिनों घोषित हुए उत्तराखण्ड बोर्ड के परीक्षा परिणामों में अभूतपूर्व सफलताएं अर्जित करने वाले छात्र छात्राओं से हम आपको लगातार रूबरू करा रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य की दो ऐसी सगी बहनों से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने उत्तराखण्ड बोर्ड की मेरिट सूची में जगह बनाकर न केवल अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है बल्कि अपने गुरू जनों को भी गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के धौलछीना के भेटाडांगी गांव की रहने वाली रोशनी एवं गुंजन की। बता दें कि उत्तराखंड बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणामों में जहां रोशनी ने 92 फीसदी अंक हासिल कर प्रदेश की मेरिट सूची में 23वां स्थान हासिल किया है वहीं उनकी छोटी बहन गुंजन भी 10वीं के परीक्षा परिणामों में कमाल करते हुए 94.80 अंकों के साथ प्रदेश की मेरिट सूची में 24वें स्थान पर काबिज होने में सफल रही है। दोनों बेटियों की इन अभूतपूर्व उपलब्धियों से जहां उनके माता-पिता की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं है वहीं उनके घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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आपको बता दें कि इन अभूतपूर्व उपलब्धियों को हासिल कर अपने परिजनों और गुरूजनों को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान करने वाली रोशनी एवं गुंजन एक बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है। उन्होंने सीमित संसाधनों के बीच यह सफलताएं अर्जित की है। उनके पिता आनंद सिंह जहां रुद्रपुर में प्राइवेट जॉब करते हैं वहीं उनकी मां सुनीता देवी एक कुशल गृहिणी है। राजकीय इंटर कॉलेज नगरखान की ये दोनों छात्राएं न केवल पढ़ाई में अव्वल है बल्कि घर के कामों में मां का हाथ भी बंटाती है। दोनों ने बिना किसी ट्यूशन के सेल्फ स्टडी के दम पर यह अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की है। उनकी कड़ी मेहनत एवं लगन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गांव से रोजाना दो किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचने वाली दोनों बहनों ने न केवल स्कूल बल्कि घर पर भी लगातार पढ़ाई जारी रखी और यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की।

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