Bhawana lord krishna marriage haldwani: 30 साल की तपस्या के बाद 55 वर्षीय भावना रावल ने श्री कृष्ण के साथ रचाया अनोखा विवाह, बैंडबाजे संग खूब नाचे बाराती…..
Bhawana lord krishna marriage haldwani: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक अनोखा विवाह संपन्न हुआ जिसमें 55 वर्षीय भावना रावल ने भगवान श्री कृष्ण के साथ विवाह रचाया। भावना ने इस अनूठी परंपरा का पालन करते हुए अपनी 30 वर्षों की तपस्या और भक्ति को इस विवाह के माध्यम से मूर्त रूप दिया है। इस विवाह समारोह में बैंड बाजे की धूम रही जहां पर लोग उत्साह पूर्वक नाचते गाते हुए नजर आए। इतना ही नहीं बल्कि यह आयोजन क्षेत्र समेत पूरे प्रदेश में बेहद चर्चा का विषय बना हुआ है। भावना का कहना है कि उनका बचपन से भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरा लगाव रहा है जिसके चलते उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान श्री कृष्ण के प्रति समर्पित कर दिया है यह विवाह उनकी आस्था और भक्ति की चरम अभिव्यक्ति को दर्शाता है।
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Bhawana rawal lord krishna marriage बता दें नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के तिकोनिया इलाके की रहने वाली भावना रावल ने करीब 30 साल की कड़ी तपस्या के बाद आखिरकार 55 साल की उम्र में श्री कृष्ण के साथ बीते गुरुवार को विवाह रचाया है। दरअसल इसके लिए पंचेश्वर मंदिर में वृंदावन से लाई गई भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को सभी धार्मिक अनुष्ठानों के साथ भावना संग विवाह के बंधन में बांधा गया। इतना ही नहीं बल्कि पहले बारात भी निकली जिसमें स्थानीय लोग घराती और बाराती बनकर खूब नाचे। भावना बताती है कि उनका बचपन से श्री कृष्ण के संग गहरा नाता रहा है जिस उम्र में दूसरे बच्चे गुड्डे गुड़िया से खेलना पसंद करते हैं वो उस उम्र में भगवान कृष्ण की मूर्ति के साथ खेला करती थी।
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lord krishna marriage haldwani बता दें कि बीते गुरुवार को शुभ मुहूर्त में आवास विकास कॉलोनी से बैंड बाजे के साथ बारात निकली और वृंदावन से डोली में विराजमान होकर दूल्हे के रूप में भगवान कृष्ण की मूर्ति को लाया गया उन्होंने कहा कि यह दिन मेरे लिए परम सौभाग्य का दिन रहा जिस दिन मैंने श्री कृष्ण को अपने वर के रूप में चुना। बैंड बाजों के बीच बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं और बच्चे भी बारात के साक्षी बने। इसके साथ ही शहर के सभी गणमान्य लोग भी इस विवाह में शामिल हुए। भावना के भाई उमेश रावल और सरोज रावल ने भावना का कन्यादान किया। वहीं महिलाओं ने शगुन के आंखर गाए ।
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