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Manish Khanduri biography Uttarakhand BJP
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उत्तराखंड: कौन हैं मनीष खंडूरी जिन्होंने फेसबुक की नौकरी छोड़ चुनी राजनीति की राह….

Manish Khanduri biography Uttarakhand: मनीष ने बीते दिनों कांग्रेस छोड़कर थामा भाजपा का दामन, जानें इनके बारे में….

उत्तराखण्ड की राजनीतिक गलियारों में इन दिनों मनीष खंडूरी छाए हुए हैं। बीते दिनों ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के उपरांत भाजपा का दामन थाम लिया है। आज हम आपको इन्हीं मनीष खंडूरी से रूबरू कराने जा रहे हैं जो राजनीति में कदम रखने से पहले फेसबुक कंपनी में काम करते थे। जी हां… बात हो रही है राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अपने सख्त मिजाज एवं फैसलों से उत्तराखंड के विकास एक नया मोड़ देने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी के बेटे और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के भाई मनीष खंडूरी की, जो न सिर्फ फेसबुक में काम कर चुके हैं बल्कि एक पत्रकार भी रहे हैं।
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बता दें कि अपनी पत्रकारिता के दौरान मनीष ने कॉग्निजेंट, टर्नर ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम्स, बिस्क्वेयर सिस्टम्स, बिजनेस वर्ल्ड पत्रिका और बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के साथ काम किया जिसके उपरांत वर्ष 2018 के मध्य में फेसबुक ज्वाइन की। एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनीष ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अपनी फेसबुक की नौकरी छोड़ दी और राजनीति की ओर कदम बढ़ाए। हालांकि अपने पिता और बहन के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी भाजपा ज्वाइन नहीं की बल्कि एक नई राह पर कदम बढ़ाते हुए देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का दामन थामा। कांग्रेस ने भी उन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों में पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया।
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उस दौरान मनीष के कांग्रेस ज्वाइन करने के फैसले से राजनीतिक गलियारों में इतना भूचाल आ गया था कि स्वयं उनके पिता एवं राज्य के मुख्यमंत्री रहे बीसी खंडूरी को यह कहना पड़ा था कि कांग्रेस ज्वाइन करने का फैसला मनीष का खुद का फैसला है। उन्हें जो ठीक लगा उन्होंने वो किया। 2019 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उस दौरान वह वर्तमान सांसद तीरथ सिंह रावत से बड़े अंतर से चुनाव हार गए थे। सियासी जानकारों की मानें तो वह वर्ष 2024 में भी इस संसदीय क्षेत्र पर कांग्रेस पार्टी के प्रबल उम्मीदवार थे, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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