उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में शुरू हुआ कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccine) का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन), पहले चरण में हर सेंटर पर 25-25 स्वास्थ्य कर्मियों को लगाए गए टीके..
देश-विदेश में हर किसी की जान को खतरें में डाल देने वाला कोरोना वायरस अब चंद दिनों का मेहमान है। बीते रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा दो कोरोना वैक्सीनों ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही जहां अब इस महामारी से देश को जल्द छुटकारा मिल जाएगा वहीं इन दिनों पूरे देश में कोरोना टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) भी शुरू हो चुका है। देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी आज आठ जनवरी से ड्राई रन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जी हां.. शुक्रवार को राज्य के सभी 13 जिलों के 10-10 केन्द्रों पर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया के दौरान पहले चरण में हर सेंटर पर 25-25 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगानेे का पूर्वाभ्यास कर टीकाकरण की तैयारियों को परखा गया। ड्राई रन की प्रक्रिया को ठीक उसी तरह से प्रयोग में लाया गया जैसा कि वैक्सीन (Corona Vaccine) आने के बाद टीकाकरण के लिए उसे प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए जिन हेल्थ वर्करों पर टीका लगाकर ड्राई रन किया जाना था, उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना मोबाइल पर भेजी गई।
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जिन हेल्थ वर्करों को लगाया गया टीका, उन्हें भेजी गई एसएमएस के माध्यम से सूचना:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार से राज्य के 130 चिकित्सा केंद्रों में कोरोना टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जा रहा है। इसके लिए जहां सभी केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग पर पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है वहीं जिन हेल्थ वर्करों को टीका लगाया गया, उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना भी मोबाइल पर भेजी गई । बताया गया है कि इस दौरान शुुक्रवार को प्रत्येक सेंटर पर 25-25 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए। इस संबंध में कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य नोडल अधिकारी व एनएचएम मिशन निदेशक सोनिका का कहना है कि शुक्रवार को प्रत्येक जिले में 10 स्थानों पर कोरोना टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया। जिसमें जिला चिकित्सालयों के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी अस्पताल भी शामिल हैं जहां पूर्वाभ्यास के माध्यम से टीकाकरण की व्यवस्था को परखा गया। निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी के अनुसार पूर्वाभ्यास के दौरान पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी जहां गढ़वाल मंडल में डॉ. भारती राणा, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. मनोज बहुखंडी, डॉ. केएस चौहान, डॉ. एके सिंह, डॉ. विकास को दी गई है वहीं कुमाऊं मंडल में डॉ. शैलेजा भट्ट, डॉ. शिखा जंगपांगी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
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