Dehradun Mussoorie ropeway Project: देहरादून मसूरी रोपवे परियोजना में अपर टर्मिनल पर स्टील बाइंडिंग का काम हुआ शुरू, 2026 के अंत तक रोपवे बनकर होगा तैयार..
Dehradun Mussoorie ropeway Project : देहरादून मसूरी रोपवे परियोजना का कार्य प्रगति पर है जिसके चलते रोपवे परियोजना के तहत बनने वाले 26 टावरों में से करीब 20 टावरों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है इतना ही नहीं बल्कि मसूरी के गांधी चौक में बन रहे अपर टर्मिनल का समतलीकरण होने के बाद स्टील बाइंडिंग का कार्य चल रहा है।बताते चलें इस योजना के तहत राजधानी देहरादून से पहाड़ों की रानी मसूरी तक जाने वाले पर्यटकों को घण्टे भर का सफर मात्र 15 मिनट मे आसानी से तय करने की सुविधा प्राप्त होगी। यह रोपवे परियोजना पर्यटकों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा क्योंकि ये पहाड़ों के मनोरम दृश्य और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का अवसर भी प्रदान करेगा।
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बता दें राजधानी देहरादून के मसूरी में स्थित गांधी चौक से रोपवे तक पहुंचने के लिए मार्ग बन रहा है वही पुरुकुल में लोअर टर्मिनल स्टेशन के तीन टावर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है जबकि तीन मंजिल तक पार्किंग का निर्माण हो चुका है और अब जल्द ही चौथी मंजिल का कार्य शुरू होगा। पर्यटन विभाग की माने तो वर्ष 2026 के अंत तक इस कार्य के पूर्ण होने की उम्मीद जताई जा रही है जिसके बाद से रोपवे का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। पर्यटन सीजन के दौरान मई से जुलाई तक रोज 25 हजार से अधिक पर्यटक राजधानी देहरादून से मसूरी पहुंचते हैं और अक्सर पर्यटकों की संख्या अधिक होने के कारण राजधानी में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसको ध्यान में रखते हुए इस योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बताते चलें अक्सर बारिश के दौरान भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण मसूरी मार्ग बाधित हो जाता है वहीं वर्ष 2024 में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने मसूरी जाने वाले पर्यटकों की समस्या को ध्यान में रखते हुए और सुविधाओं मे बढ़ोतरी करने के लिए 300 करोड रुपए से देहरादून मसूरी रोपवे परियोजना का खाका खींचा जिसके तहत विभाग ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड़ के अंतर्गत मसूरी स्काईवार कंपनी के माध्यम से तुरंत इसका निर्माण शुरू कर दिया। रोपवे शहर के एक छोर से 12 किलोमीटर दूर पुरकुल गांव में और दूसरा गांधी चौक मसूरी में बनाया जा रहा है पुरुकुल में लोअर टर्मिनल का फाउंडेशन कार्य पूरा हो गया है और अब टावर बनाने का कार्य किया जा रहा है। बताते चले एक बार में एक तरफ से 1300 पर्यटक को ले जाने की क्षमता होगी जबकि आमतौर पर निजी वाहनों से देहरादून से मसूरी पहुंचने के लिए 1.5 घंटे का समय लगता है लेकिन रोपवे के जरिए 33 किलोमीटर की दूरी रोपवे से 5.5 किलोमीटर कम हो जाएगी।
फ्रांस से मंगाए जाएंगे संसाधन
देहरादून मसूरी रोपवे की अधिकतम रफ़्तार 6 मीटर प्रति सेकंड होगी हालांकि मौसम खराब होने पर इसमें रेस्क्यू मोड होगा जिसके चालू करते ही स्पीड अपने आप मौसम के अनुसार धीमी हो जाएगी रोपवे का संचालन ऑनलाइन होगा जिसके लिए फ्रांस से एक टीम आएगी जो रोपवे संचालन करने वालों को प्रशिक्षित करेगी केबिन के दरवाजे ऑटोमेटिक खुले और बंद होंगे। वही एक केबिन मे 10 पर्यटकों के बैठने की क्षमता होगी। शुरुआत में 55 केबिन मंगाए जा रहे हैं इसके बाद इनकी संख्या 71 होगी। केबिन सहित सभी संसाधन यूरोप के शहर फ्रांस से मंगाए जा रहे हैं। रोपवे के बन जाने से स्थानीय लोगों समेत समस्त व्यवसाययों को अच्छा खासा मुनाफा होगा।
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