MARTYR RAJENDRA NEGI
परिवार को है मां भराड़ी पर भरोसा, बेटा डबडबाती आंखों से निहारते रहता है पिता के बक्से को
पत्नी और बूढ़े माता-पिता की अब अपने ईष्ट से है एक ही प्रार्थना कि सकुशल वो वापस अपने घर लौट आए..

घर में छाई खामोशी, बार-बार पिता की फोटो और बक्से को निहारते बच्चे , छुप-छुपकर रोती मां और पत्नी ऐसी ही कुछ हालात हैं कश्मीर के गुलमर्ग में लापता जवान राजेंद्र सिंह नेगी (Rajendra Singh Negi) के परिवार के। जहां पूरा उत्तराखण्ड भारत सरकार से किसी ठोस कदम की आकांक्षा कर रहा है वहीं परिवार को अब मां भराड़ी पर ही भरोसा है। मंदिर के सामने हाथ जोड़कर खड़े तीनों बच्चों की मासूम सूरत ऐसी लग रही है जैसे कह रही हो कि ऐ मां अब तेरा ही आसरा है, पापा को जल्दी वापस ला देना । राजेंद्र की पत्नी राजेश्वरी देवी जहां पति की बातों को याद कर रोते-रोते बस यही बात कहती है कि “उन्होंने जिस तरह पूरी ईमानदारी से देश की सेवा की है, उसी तरह सरकार को भी उन्हें ढूंढने के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए। वहीं राजेंद्र की मां सिसकते हुए पहाड़ी में केवल इतना ही कह पाती है “ल्ये क आवा” (ले के आओ)। माता भागा देवी और पिता रतन सिंह की बेसुध हालत देखकर इतना ही कह सकते हैं कि उन पर वृद्धावस्था में दुखों का पहाड़ टूट गया है। बेशक इस मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की हों लेकिन अभी तक किसी भी केन्द्रीय मंत्री का कोई बयान ना आना हम उत्तराखंडियों को हैरान-परेशान करने वाला है।
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गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के पज्याणां गांव निवासी राजेंद्र सिंह नेगी भारतीय सेना की 11 गढ़वाल राइफल्स में हवलदार के पद पर तैनात है। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात थी। बीते 9 जनवरी को वह गश्त के दौरान बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान सीमा पर जा पहुंचे थे और तभी से उनका कोई सुराग नहीं है। सेना के अधिकारियों सहित परिजनों को आशंका है कि हवलदार राजेंद्र कहीं सीमा पार पाकिस्तान ना पहुंच गए हों। हवलदार राजेंद्र के भाई का कहना है कि जिस तरह भारत सरकार ने विंग कमांडर अभिनन्दन की सकुशल वापसी के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया और उन्हें वतन वापस लाएं उसी तरह राजेंद्र की जल्द सकुशल वापसी के लिए भी कारवाई की जाएं। बता दें कि प्राथमिक शिक्षा अपने गांव की प्राइमरी पाठशाला से प्राप्त करने वाले राजेंद्र ने जनता हाईस्कूल पौंजाण से 1998 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। जिसके बाद राजेंद्र 2002 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। इससे पहले बीते रविवार को मसूरी के विधायक गणेश जोशी ने भी इस मामले पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल विपिन रावत से बात कर हवलदार राजेंद्र की सकुशल वापसी के लिए मदद का अनुरोध किया। इस पर जनरल बिपिन रावत ने हरसंभव प्रयास करने की बात कही।
