Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Uttarakhand news: king kobra rescue by snack catcher Kishan Dhanik in Haldwani.

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी

हल्द्वानी: गांव में घुस आया किंग कोबरा तो किशन ने सकुशल रेस्क्यू कर वन विभाग को किया सुपुर्द

पनियाली में 10-12 फ़ीट का किंग कोबरा मिलने से दहशत का माहौल, स्नेक कैचर किशन धानिक (Snake Catcher Kishan Dhanik) ने कोबरा का सफल रेस्क्यू कर छोड़ा जंगल में..

इन दिनों मैदानी क्षेत्रों में लगातार सांप नजर आ रहे हैं। बीते सोमवार 26 अक्टूबर को भी नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील के ग्रामसभा पनियाली में एक विशालकाय किंग कोबरा दिखाई देने से लोगों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दहशतग्रस्त लोगों ने स्नेक कैचर किशन धानिक(Snake Catcher Kishan Dhanik), जो कि ग्रामसभा पनियाली के वार्ड सदस्य भी हैं, से संपर्क किया। ग्रामीणों से सांप दिखाई देने की सूचना मिलते ही किशन तुरंत घटनास्थल पर पहुंच ग‌ए। जहां उन्होंने न केवल किंग कोबरा को सकुशल रेस्क्यू कर वन विभाग को सुपुर्द कर दिया बल्कि दहशतग्रस्त ग्रामीणों को भी किंग कोबरा के भय से निजात दिलाई। रेस्क्यू के बाद किशन ने बताया कि किंग कोबरा की लम्बाई 10-12 फीट थी। बताते चलें कि किशन अब तक ब्लैक कोबरा, खतरनाक अजगर, घोड़ा पछाड़ आदि विषैले सांपों का भी सफल रेस्क्यू चुके हैं।
यह भी पढ़ें- उतराखण्ड: साँप पकड़ने का अपना अलग अंदाज है किशन का, अभी तक कर चुके कई सफल रेस्क्यू

देवभूमि दर्शन से खास बातचीत :

देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में किशन धानिक बताते हैं कि वह मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के रहने वाले हैं। बता दें कि वर्तमान में नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील के पनियाली गांव निवासी किशन धानिक एक कुशल स्नेक कैचर है। जो आस-पास के इलाकों में सांपों की लगभग सभी प्रजातियों का निःशुल्क रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को सांपों से मुक्ति दिलाते हैं। यह उनकी सांप पकड़ने की कुशल तकनीक का ही परिणाम है कि अब हल्द्वानी के आसपास के इलाकों में जब भी किसी के घर पर सांप आता है तो लोग वन विभाग को सूचना देने से पहले किशन को सूचना देते हैं। लोगों से सूचना मिलने पर किशन घटनास्थल पर पहुंचकर सांपों को सुरक्षित पकड़कर वह सुरक्षित जंगल में छोड़ देते हैं। किशन बताते है कि उन्होंने कहीं से भी सांपों को पकड़ने का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया बल्कि अपने बचपन के शौक को अपने हुनर में बदल दिया।

यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: पहाड़ में क्वारंटीन सेंटर में छः वर्षीय बच्ची की मौत, आखिर कौन है जिम्मेदार?

लेख शेयर करे

More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top