Uttarakhad: तेंदुए (Tendua) ने जगमोहन पर किया हमला, तो जगमोहन ने अपने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए उससे भिड़कर बचाई अपनी जान..
राज्य (Uttarakhad) में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन राज्य के किसी ना किसी हिस्से से मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं सामने आ रही है। जिनमें कई बार ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ती है तो कई बार साहसी ग्रामीणों के जंगली जानवरों से भिड़ने की खबर सामने आती हैं। ऐसी ग्रामीणों के साहस, वीरता एवं हिम्मत के आगे जानवरों को भी दुम दबाकर भागने को मजबूर होना पड़ता है। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही साहसी युवक से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने तेंदुए (Tendua) द्वारा हमला करने पर साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए न सिर्फ उससे भिड़कर अपनी जान बचाई बल्कि तेंदुए को दबे पांव जंगल की ओर भागने पर भी विवश कर दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के बागेश्वर जिले के रहने वाले जगमोहन मेहता, जिसके साहस, वीरता एवं हिम्मत की आज पूरे क्षेत्र में तारीफ हो रही है। हालांकि तेंदुए से भिड़ंत में जगमोहन गम्भीर रूप से घायल भी हो गए और उन्हें ग्रामीणों द्वारा निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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ग्रामीणों ने की वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने की मांग, बोले कई बार कहने पर भी ध्यान नहीं दे रहे वन विभाग के अधिकारी-:
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के काफलीगैर तहसील के कभड़ा के भटखोलाधार निवासी जगमोहन मेहता की कठपुड़ियाछीना में दुकान है। बताया गया है कि बीते मंगलवार शाम को जब वह रोज की तरह दुकान बंद करके अपने घर को जा रहे थे तो तभी भटखोलाधार के पास पहले से घात लगाकर छिपे एक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। एकाएक हुए तेंदुए के हमले से पहले तो जगमोहन घबरा गए और उन्हें कुछ सुझाई नहीं दिया परंतु जल्द ही उन्होंने अपनी घबराहट पर काबू पा लिया और बड़ी हिम्मत से तेंदुए का मुकाबला किया। जगमोहन न सिर्फ तेंदुए से भिड़ गया बल्कि उसने शोर मचाना भी शुरू कर दिया। उनके साहस और सूझबूझ का परिणाम यह हुआ कि आसपास के ग्रामीण भी मौके पर आकर शोर मचाने लगे। एक साथ ग्रामीणों का शोर सुनकर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। हालांकि इस दौरान जगमोहन का हाथ तेंदुए के वारों से बुरी तरह जख्मी भी हो गया। आज जहां क्षेत्रवासी जगमोहन के साहस, सूझबूझ और हिम्मत की प्रशंसा कर रहे हैं वहीं गांव की ग्राम प्रधान नीमा मेहता सहित अन्य ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने की मांग की है। उनका कहना है कि वन विभाग से तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने की मांग कई बार की जा चुकी है लेकिन वन विभाग के अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
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