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Uttarakhand news: Through painting, Kusum Pandey of haldwani is carving the folk art in the canvas. Uttarakhand folk art latest news

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी

उत्तराखण्ड: कुसुम ने पेंटिंग के जरिए पहाड़ की लोक कला को कैनवास में उकेरा, पा चुकी है क‌ई सम्मान

Uttarakhand Folk Art: कुसुम को राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा की ओर से पटियाला में मां नंदा शक्ति सम्मान से किया गया है सम्मानित, अब तक 35 से अधिक प्रदर्शनियों में पा चुकी है पुरस्कार..

उत्तराखंड की बेटियों की बहुमुखी प्रतिभा से आज हर कोई वाकिफ हैं। राज्य की बेटियों ने आज हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत का परचम लहराया है। ऐपण कला का क्षेत्र हो या फिर पेंटिंग कला का, राज्य की बेटियां उत्तराखंड की संस्कृति की छवि को अपनी इसी कला से उजागर करने का कार्य कर रही हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने उत्तराखंड की संस्कृति को अपनी कला से उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश में भी उजागर किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं हल्द्वानी की होनहार बेटी कुसुम पांडे की। बता दें कि कुसुम पेंटिंग कला में निपुण है उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग एक अलग ही एहसास कराती हैं। बताते चलें कि कुसुम के हुनर की सराहना अब राज्य के साथ ही देश भर में भी होने लगी हैं। इसी का परिणाम है कि कुसुम को राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा की ओर से पटियाला में मां नंदा शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया है।
(Uttarakhand Folk Art)
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बता दें कि कुसुम पांडे ने एमबीपीजी कालेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के पश्चात आइकेएस छत्तीसगढ़ तथा दिल्ली कालेज आफ आर्ट से स्नातकोत्तर  की डिग्री हासिल की है। वर्तमान में वह अभी गौजाजाली में रंगगीत आर्ट सेंटर को संचालित करती हैं। कुसुम की पेंटिंग में उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा किए गए संघर्ष, संस्कृति, और परिधान से लेकर व्यक्तित्व की झलक देखने को मिलती है। बताते चलें कि राज्य से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की 35 से अधिक प्रदर्शनी में कुसुम की पेंटिंग स्थान पा चुकी है। इसके लिए कुसुम को कई पुरस्कारों द्वारा भी सम्मानित किया गया। इसके साथ ही कुसुम का कहना है कि बचपन से ही उन्हें गीत-संगीत का शौक रहा है। लोक कला से वह बहुत अधिक आकर्षित रहती है। कुसुम राज्य की लोक संस्कृति को पेंटिंग के जरिये राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाना चाहती हैं।इसके लिए कुसुम अपने आर्ट स्टूडियो के जरिये निरंतर प्रयास कर रही हैं।
(Uttarakhand Folk Art)

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