Vandana Chauhan DM Rudraprayag: धीरे-धीरे रूद्रप्रयाग में भी विशेष पहचान पा रही है आईएएस वंदना, अपने लोकप्रिय फैसलों से लोगों के दिलों में बना रहीं जगह..
2020 के इस नए भारत में जहां अधिकांश बड़े-बड़े सरकारी अधिकारी-कर्मचारी आम जनता से सीधे मुंह बात तक नहीं करना चाहते वहीं कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जिन्हें अफसरशाही का बिल्कुल भी रौब नहीं। ऐसे अधिकारियों के लिए तो जनता की सेवा करना, उनके सुख-दुख का ध्यान रखना ही परम कर्तव्य है। हम खुशनसीब है कि देवभूमि उत्तराखंड में कुछेक ऐसे आईएएस अधिकारी मौजूद हैं। ऐसी ही एक जन-सरोकारों को सर्वोपरि रखने वाली जिलाधिकारी है वंदना सिंह चौहान (Vandana Chauhan DM Rudraprayag) बता दें कि वंदना वर्तमान में रूद्रप्रयाग जिले की जिलाधिकारी है। वैसे रूद्रप्रयाग जिले के लोग वास्तव में बड़े भाग्यशाली हैं जहां कुछ समय पहले तक जिले की कमान लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के हाथों में थी वहीं अब जनता के हितों को सर्वोपरि रखने वाली वंदना जिले के विकास, जिलेवासियों की खुशहाली की दिशा में रोज नए कदम बढ़ा रही है। सच कहें तो वास्तव में रूद्रप्रयाग जिले पर भगवान केदारनाथ का आशीर्वाद बरस रहा है जो जिले की कमान लगातार ऐसे जुझारू कर्मठ तथा लोकप्रिय आईएएस अधिकारी संभाल रहे हैं। काश ऐसे अधिकारी/जिलाधिकारी राज्य के हर क्षेत्र/हर जनपद में होते तो शायद पर्वतीय अंचल के लोगों को पहाड़ माफिक गम्भीर कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। यह भी पढ़ें- डीएम वंदना रह चुकी हैं पिथौरागढ़ में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की जिला एम्बेसेडर
कोरोना से रूद्रप्रयाग को बचाने के लिए भी खासी सक्रिय हैं वंदना, क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले को सीधे फोन कर जान रही हाल:-
बता दें कि रूद्रप्रयाग की जिलाधिकारी वंदना सिंह जहां जिलेवासियों को कोरोना से बचाने के लिए खासी सक्रिय है वहीं घर लौटे रूद्रप्रयाग जिले के प्रवासियों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना और उन्हें एक सुरक्षित रोजगार मुहैया कराना भी उनकी पहली प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ का पुननिर्माण कर विश्वस्तरीय धाम बनाने का दारोमदार भी इन दिनों वंदना पर ही है और वह अपने सभी दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रही है। बात कोरोना को लेकर उनकी सक्रियता की करें तो वह खुद भी कंट्रोल रूम पहुंचकर संस्थागत क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों से बात कर रही है और अपने अधिनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को भी इसके लिए प्रेरित कर रही है ताकि क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों को ना तो किसी समस्या का सामना करना पड़ और ना ही वो एकाकीपन के कारण मानसिक रूप से विचलित हो। क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों को इन दिनों वंदना के कर्णप्रिय शब्द “हैलो मैं डीएम बोल रही हूं.. कैसे हैं आप” ही सुनाई दे रहे हैं। जिसे सुनकर पहले तो लोग चौंक जा रहे हैं, उन्हें अपने कानों पर तनिक भी विश्वास नहीं हो रहा परन्तु वास्तविकता जानकर वह डीएम वंदना की जिंदादिली एवं कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।