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उत्तराखण्ड

कुछ दिन बाद पहाड़ में उठनी थी बेटी की डोली, हादसे में उठी माता पिता की अर्थी

tehri garhwal: शादी से पहले ही बेटी के सर से उठ गया माता-पिता का साया..

जिस घर में शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी, जहां से कुछ दिनों बाद बेटी की डोली उठने वाली थी ,उसी घर से आज दुल्हन के माता-पिता की अर्थिया उठ ग‌ई। कुदरत कभी-कभी ऐसे वार करती है कि जिसको भी उसके बारे में सूनाई देता है वो अपने आशू नहीं रोक पाता। चाहे कोई कितना भी कठोर दिल क्यो ना हो लेकिन ऐसी ह्रदय विदारक घटनाएं हर किसी के दिल को पिघला कर रख देती है। ऐसी ही एक हृदय को झकझोर देने वाली घटना आज सुबह राज्य के टिहरी गढ़वाल (tehri garhwal) में हुई। जहां हुई सड़क दुघर्टना में अंधियारी चापड़ा (काथणा) गांव निवासी ज्योति प्रसाद और राजमति देवी सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में मौत का शिकार हुए ये दोनों पति-पत्नी थे। जिनके घर से कुछ ही दिनों बाद उनकी बड़ी बेटी बबली की बारात निकलने वाली थी। इसी के लिए वह शादी का सामान खरीददारी करने और बैंक के काम से मंगलवार को चिन्यालीसौड़ जा रहे थे, परंतु उन्हें क्या मालूम था कि घर से बेटी की डोली से पहले उनकी अर्थी उठेगी।




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माता पिता शादी का सामान खरीदने जा रहे थे बाजार:

बता दें कि आज सुबह टिहरी गढ़वाल (tehri garhwal) के चिन्यालीसौड़ को जा रही एक टाटा सूमो वाहन मठियाली के समीप गहरी खाई में गिर गया था। जिससे वाहन में सवार चालक सहित एक दंपति की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे में मौत का शिकार हुआ दंपति अंधियारी चापड़ा (काथणा) गांव के रहने वाले थे। जो अपनी बड़ी बेटी बबली के विवाह के सामान की खरीददारी करने चिन्यालीसौड़ बाजार जा रहे थे। उनकी मौत की खबर मिलते ही उनके घर में कोहराम मच गया। बताते चलें कि मृतक ज्योति प्रसाद और राजमति देवी के चार बच्चे बबली, राधिका, दीपक और प्रदीप हैं। जिनमें से उनकी बड़ी बेटी बबली की आगामी 28 अप्रैल को शादी तय हो गई थी। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा हुआ था परन्तु उन्हें क्या पता था कि जिस बेटी की शादी की तैयारियां वह कर रहे हैं उसके कन्यादान होने से पहले ही घर से उनकी अर्थी निकलेगी। खेतों में हाड़तोड़ मेहनत मजदूरी कर ज्योति प्रसाद और उनकी पत्नी राजमति देवी ने पाई-पाई जोड़कर कर बेटी के विवाह की तैयारियों में जुटे मां-बाप की मौत की खबर से परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसर गया है।




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28 अप्रैल को चंबा के कांडा गांव से बबली की बारात आनी थी, लेकिन इससे पहले ही सिर से माता-पिता का साया उठ गया। बबली की 14 वर्षीय छोटी बहन राधिका तो दोनों पैरों से दिव्यांग है। वह चलने-फिरने में भी असमर्थ है। उसके दोनों भाई दीपक और प्रदीप क्रमशः 10 और 7 साल के मासूम बच्चे हैं। बबली सहित सभी बच्चे अचानक हुई इस दुर्घटना से सदमें में है। इन सभी मासूमों के ऊपर टूटे इस दर्द भरे पहाड़ को देखकर तो किसी का पत्थर दिल भी पिघल जाए। बबली के अनुसार माता-पिता ने उससे बाजार जाते वक्त कहा था कि बेटी अभी खाना मत बनाना। हम 12-1 बजे तक बाजार से वापस लौट आएंगे और उसके बाद फिर खाना बनाएंगे। परंतु उन्हें कहा पता था कि वह अब सही-सलामत कभी भी नहीं लोट पाएंगे।




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