उत्तराखंड रोडवेज (Uttarakhand Roadways) ने की ठेके पर रखे गए करीब 200 चालक-परिचालकों की छुट्टी, 10 जून के बाद वेतन भुगतान नहीं करने के भी आदेश..
आज उत्तराखण्ड रोडवेज (Uttarakhand Roadways) एक बार फिर चर्चाओं में है। इस चर्चा का कारण दरअसल रोडवेज द्वारा ठेके पर रखे गए चालक-परिचालकों को ड्यूटी से हटाना है। जी हां उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने ठेके पर रखे गए करीब 200 चालक-परिचालकों को ड्यूटी से हटा दिया है। इतना ही नहीं इन सभी चालक-परिचालकों को 10 जून के बाद वेतन भुगतान नहीं करने का आदेश भी रोडवेज प्रबंधन की ओर से जारी किया गया है। बताया गया है कि उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन ने चालक-परिचालकों पर यह कारवाई अनुबंध का नवीनीकरण नहीं कराने के चलते की है। बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड रोडवेज में 750 से अधिक चालक-परिचालक ठेके पर हैं। ठेके पर रखे गए इन चालक-परिचालकों को अपने अनुबंधों का नवीनीकरण हर वर्ष कराना पड़ता है परंतु वर्तमान में कई चालक-परिचालक पिछले कई वर्षों से अनुबंधों का नवीनीकरण कराए बिना ही रोडवेज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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कई बार चेतावनी देने के बावजूद भी नहीं कराया अनुबंध का नवीनीकरण, अब महाप्रबंधक ने जारी किए ऐसे चालक-परिचालकों को ड्यूटी से हटाने के आदेश:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने ठेके पर रखे हुए अपने 200 चालक-परिचालकों को ड्यूटी से हटा दिया गया है। परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि चालक-परिचालकों पर यह कारवाई बार-बार कहने के बावजूद कई वर्षों से अनुबंधों का नवीनीकरण न कराने के एवज में की गई है। बताया गया है चालक-परिचालकों की इस उदासीनता को ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से इस संबंध में सभी सहायक महाप्रबंधकों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इन आदेशों में कहा गया था कि सभी चालकों, परिचालकों का अनुबंध नवीनीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाए और यदि फिर भी किसी चालक-परिचालक द्वारा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं कराया जाता है तो उसे 10 जून के बाद ड्यूटी पर ना भेजा जाए। बताते चलें कि महाप्रबंधक के इस फैसले के बाद अधिकांश चालक-परिचालकों ने अपने अनुबंधों का नवीनीकरण करा लिया था परन्तु करीब 200 के आसपास चालक-परिचालक अभी भी ऐसे थे जिन्होने अपने अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं कराया है।
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