सिविल सेवा परिणाम घोषित :उत्तराखंड के वर्णित नेगी को 13वीं रैंक, सौम्या गुरानी ने हासिल कि 30 वीं रैंक
वर्णित नेगी की सफलता का राज : पौड़ी के वर्णित नेगी ने एनआईटी से सिविल इंजीनियरिंग की। उसके बाद पावरग्रिड में उन्हें शानदार पैकेज पर नौकरी भी मिल गयी। लेकिन, जिंदगी का लक्ष्य तो आईएएस बनने का था और इसी जिद में वर्णित ने इस नौकरी को ही छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने पुरे लगन से तैयारी कर इस परीक्षा के लिए दिन रात एक कर दिया। इसका सकारात्मक परिणाम ही रहा की तीसरे प्रयास में उन्होंने पूरे देश में 13वीं रैंक हासिल कर कीर्तिमान रच दिया। उनकी नियुक्ति रेलवे में सहायक आयुक्त सुरक्षा के पद पर हुई। मगर, वर्णित इतने पर खुश नहीं हुए। उन्होंने पुनः तैयारी की और दूसरे प्रयास में पूरे देश में आईएएस की परीक्षा में 13वां स्थान हासिल किया। बताते चले की वर्णित के पिता देवेंद्र सिंह नेगी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में हाईस्कूल परसदा के प्रधानाचार्य हैं, वही मां डॉ. सीमा नेगी बिलासपुर महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। बड़े भाई डॉ. अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं।
सौम्या गुरुरानी की सफलता की कहानी : सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 30वीं रैंक हासिल करने वाली सौम्या गुरुरानी की सफलता की यह पहली कहानी नहीं है। सौम्या ने गत वर्ष पहले सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 148वीं रैंक हासिल की। इसके बाद उत्तराखंड पीसीएस-2012 परीक्षा में प्रदेश में टॉप किया। सौम्या के पिता नवीनचंद्र गुरुरानी एसबीआई की मुख्य शाखा में उप प्रबंधक है और माता नमिता गुरुरानी हवालबाग के महिला जूनियर हाइस्कूल की शिक्षिका है। उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा कुर्मांचल एकेडमी अल्मोड़ा से हासिल की। इसके बाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से 2013 में आईटी में बीटेक किया। बचपन से ही सौम्या पढाई में अव्वल रही। इंजीनियरिंग से पासआउट होने के बाद उनका चयन एक मल्टीनेशनल कंपनी में हो गया था लेकिन इरादा था प्रशासनिक सेवा में जाने का, सो कंपनी ज्वाइन नहीं की। कुछ समय सिविल सेवा परीक्षा के लिए दिल्ली में कोचिंग ली। सौम्या के अनुसार कठिन परिश्रम, धैर्य और दृढ़ संकल्प ही सफलता के मूल मंत्र हैं। वह सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा ताऊ रमेश चंद्र गुरुरानी, जीजा एसपी सिटी हल्द्वानी अमित श्रीवास्तव और टीसीएस में इंजीनियर भाई गौतम गुरुरानी और कुर्मांचल एकेडमी के शिक्षकों के मार्गदर्शन को भी सफलता का श्रेय देती हैं।