Uttarkashi Best Tourist places: उत्तरकाशी में घूमने के लिए ये 10 जगहें हैं खास
(2)यमुनोत्री (Yomunotri):- उत्तरकाशी एवं गढ़वाल क्षेत्र के पश्चिम में बसा यमुनोत्री एक पवित्र तीर्थ स्थल एवं छोटे चार धामों में से शामिल एक धाम है। यह मां यमुना का उद्गम स्थल है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 3293 मीटर है। यह धाम विशाल पर्वत चोटियों , ग्लेशियरों और खूबसूरत पानी के साथ साथ यमुना के पवित्र जल में स्नान करने के लिए प्रसिद्ध है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। जिस कारण हर साल लाखों की तादाद में पर्यटन और साहसी क्रियाकलापों से जुड़े लोग इस ओर अधिकतर संख्या में आते हैं। यमुनोत्री धाम के पवित्र जल में स्नान करने का अपना अलग ही महत्व है धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो कहां जाता है कि पवित्र नदी यमुना में नहाने से दुर्घटना एवं अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलता है । जिसके लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु एवं सैलानी आते हैं और मां यमुना के पवित्र जल में स्नान करते है।घूमने की जगहों की बात करें तो यहां के प्रसिद्ध स्थल जानकीचट्टी, हनुमान चट्टी, है जो उत्तरकाशी से बस कुछ ही दूरी पर स्थित है और ट्रैकिंग, रोमांचक दृश्य और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
(Uttarkashi best tourist places)
यह भी पढ़ें- Top 10 Hill stations Kumaon: कुमाऊं क्षेत्र के ये हैं टॉप 10 हिल स्टेशन
(3)विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple):- विश्वनाथ मंदिर भागीरथी नदी के तट पर बसा उत्तरकाशी के सबसे पौराणिक एवं पवित्र मंदिरों में से एक है जो हिंदू के प्रसिद्ध देवता भगवान शिव को समर्पित है यह उत्तरकाशी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जिसकी स्थापना परशुराम द्वारा की गई थी यह वर्तमान में पूरे राज्य में आस्था का एक बड़ा केंद्र है और सभी शिव भक्त चारधाम यात्रा के दौरान इस जगह का दर्शन कर आगे की यात्रा के लिए बढ़ते हैं। भागीरथी नदी के तट पर बसा विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी प्रमुख घूमने की जगहों में से खूबसूरत एवं अच्छी जगह है। बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच घिरे इस मंदिर में 60 सेंटीमीटर लंबा एक शानदार शिवलिंग स्थापित है जो हर साल कई भक्तों को अपनी और आकर्षित करता है। विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव का एक भव्य त्रिशूल है जिसकी ऊंचाई लगभग 26 फुट 9 इंच है। तो अगर आप भी शिव भक्त हैं और शिव के चरणों में दर्शन के इच्छुक हैं तो उत्तरकाशी का यह मंदिर आपके लिए सबसे अच्छी जगह में से एक हो सकता है।
(4)डोडी ताल( Dodi Tal):- भगवान गणेश को समर्पित उत्तरकाशी का डोड़ी ताल ताजे पानी की झील के लिए प्रसिद्ध है। यह उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। इसे “गणेश का ताल” भी कहा जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार भगवान गणेश ने इस जगह को अपने निवास स्थान के रूप में चुना था। यह झील धार्मिक महत्व के साथ-साथ साहसिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। अल्पाइन वनस्पति एवं बर्फ से लदे पहाड़ों से घिरी हुई यह ताल पिकनिक और ट्रैकिंग जैसे एक्टिविटीज के लिए प्रसिद्ध है ।डोडी ताल सुंदर झीलों, दुर्लभ वनस्पतियों ,मछलियों की दुर्लभ प्रजाति और बर्फीले बुग्याल के कारण हमेशा से ही पर्यटकों की पहली पसंद रही है। समुद्र तल से 3310 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ों के बीच घिरा डोडी ताल विश्व के सबसे खूबसूरत उच्च ऊंचाई वाले झीलों में से एक है जो शांत एवं सुंदर वातावरण प्रदान करता है। इस जगह का नाम हिमालयन ब्राउन ट्राउन प्रजाति की मछलियों के कारण डोडी ताल रखा गया। जिसका निर्माण अस्सी गंगा नदी के पानी से हुआ है।
(Uttarkashi best tourist places)
यह भी पढ़ें- Top 10 Hill Stations Garhwal:ये हैं गढ़वाल क्षेत्र के टॉप 10 हिल स्टेशन
(5) नचिकेता ताल(Nachiketa Lake):- समुद्र तल से 2453 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नचिकेता ताल उत्तरकाशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। जिसकी गहराई 7 फीट, चौड़ाई लगभग 30 मीटर और लंबाई 200 मीटर है। चारों तरफ से देवदार के पेड़ों के जंगलों से घिरा नचिकेता ताल बाहर से आने वाले आगंतुकों के लिए एक सुंदर दृश्य प्रदान करता है ।यह उत्तरकाशी से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक झील है जो प्राकृतिक पानी से इकट्ठा होकर बनी है। इस झील के आसपास सुंदर हरियाली एवं घने पेड़ पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है ।हर साल कई पर्यटक इस जगह पर आकर यहां का भ्रमण करते हैं। इस झील में नागपंचमी के दौरान स्नान करने का विशेष महत्व है। इस झील के आसपास देखने वाले जगहों की बात करें तो झील के समीप ही एक गुफा है और साथ ही झील के आसपास हरे-भरे घास के मैदान स्थित हैं जो दिखने में बेहद आकर्षक लगता है।(Uttarkashi best tourist places)
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: कोटगाड़ी भगवती मंदिर तक पहुंचना होगा आसान, पाखूं में बनेगा हैलीपेड
(6)दयारा बुग्याल (Dayara Bugyal):- हरे भरे अल्पाइन वनस्पतियों एवं घास के मैदानों से सजा दयारा बुग्याल उत्तरकाशी का एक शांत एवं आकर्षक बुग्याल है। जिसके चारों ओर हरे-भरे घास के मैदान हैं। 3048 मीटर की ऊंचाई पर बसा दयारा बुग्याल ट्रेकिंग के लिए सबसे रोमांचक ट्रेकों में से एक है। सर्दियों के दौरान इस जगह पर भारी बर्फबारी होती है जिस कारण यह उत्तराखंड के पॉपुलर स्की स्पॉटों में शुमार है और यहां स्कीइंग के लिए काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। दयारा बुग्याल पर्यटकों को सर्दियों में अपनी ओर खासा आकर्षित करता है। हरी-भरी अल्पाइन घास के मैदान से लेकर बर्फ से घिरा यह स्थान साहसिक एवं रोमांटिक लोगों के लिए बेहद आकर्षक है। जिसमें प्रकृति के आनंद के साथ-साथ स्कीइंग और ट्रैकिंग का मजा लिया जा सकता है।
ट्रैकिंग और पहाड़ों में पर्यटन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट विजिट कीजिए
7)हर की दून (Har Ki Dun):- यह उत्तरकाशी में घूमने के सबसे अच्छी जगहों में शुमार एक खूबसूरत घाटी है। जो हिमालय की बर्फ से ढकी सुंदर चोटियां स्वर्गारोहिनी, बंदरपुन, रुइंसारा,और काली चोटी का अद्भुत नजारा प्रस्तुत करती है। जिसको देखने के लिए हर साल कई संख्या में पर्वतारोही एवं पर्यटक आते हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकरों के लिए स्वर्ग समान माना जाता है जो ऊंची ऊंची चोटियों एवं अल्पाइन वनस्पति एवं घासों से घिरा हुआ है ।समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हर की दून प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण एक दुर्गम क्षेत्र है जिसे देवताओं की घाटी या ईश्वर की भूमि के रूप में भी जाना जाता है। इस संबंध में कथा प्रचलित है कि पांडवों ने स्वर्ग जाने के लिए इस मार्ग को अपनाया था जिस कारण यह घाटी न केवल पर्यटक स्थल बल्कि उत्तरकाशी के तीर्थ स्थलों में भी काफी महत्वपूर्ण है।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के बीच बनेगी सबसे लंबी सुरंग खाका हुआ तैयार
(8)हर्षिल वैली(Harsil Valley):- उत्तरकाशी से 73 किलोमीटर दूर हरसिल वर्तमान में उत्तरकाशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है। जो सुंदर बागानों प्राकृतिक दृश्य के लिए जाना जाता है जिसके चारों तरफ घनी देवदार के वृक्ष और सुंदर पहाड़ों के दृश्य हैं। जहां से हिमालय के दर्शन भी स्पष्ट रूप से होते हैं। इसकी खूबसूरती भागीरथी के कल कल बहते नीले पानी से स्पष्ट प्रतीत होती है। यह भागीरथी नदी के तट पर बसा एक खूबसूरत क्षेत्र है और प्रकृति प्रेमियों के लिए प्रकृति के साथ कुछ पल बिताने के लिए सबसे खूबसूरत जगह में शामिल है। यह घाटी बिल्कुल शांत एवं विल्सन सेव की खेती के लिए प्रसिद्ध है जो धरती पर स्वर्ग भी कहलाती है। इस घाटी में आप तरह-तरह की चिड़िया एवं हिमालय की कई चोटियों और भागीरथी के शुद्ध पानी का आनंद ले सकते हैं।
हर्षिल वैली ट्रैकिंग टूर पैकेज से संबंधित अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट विजिट कीजए.…
(9)नेहरु पर्वतारोहण संस्थान(Nehru Mountaineering Institute) :- देशभर में ट्रेकिंग तथा माउंटेनियरिंग की ट्रेनिंग देने के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान एक प्रसिद्ध इंस्टिट्यूट है। जिसमें पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण करते समय आने वाले कठिनाइयों से निपटने तथा किस प्रकार से सुरक्षा कर सकते हैं इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। इसकी स्थापना 1965 में हुई थी जो कि एशिया और भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहण संस्थानों में शामिल है। उत्तरकाशी में आकर आप इस जगह का भ्रमण कर सकते हो साथ ही अगर आप भी माउंटेन के शौकीन एवं पहाड़ों पर चढ़ने के लिए रोमांचित हो तो यहां आकर आप ट्रेनिंग ले सकते हो और साथ ही देख सकते हो कि किस प्रकार से पर्वतारोही पर्वत ऊपर चढ़ते हैं।
(10)मोरी (Mori):– उत्तरकाशी से 165 किलोमीटर दूर स्थित मोरी उत्तरकाशी का एक बेहतरीन हिल स्टेशन एवं शहर है। यह गढ़वाल क्षेत्र के उत्तर पश्चिम में स्थित है और अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। बड़े बड़े पेडों से अच्छादित पहाड़, कलकल बहती नदिया, झीलें और देवदार के पेड़ मोरी की सुंदरता को और भी निखारती है। मोरी टोंस नदी के किनारे बसा हुआ एक शहर है जो हरे-भरे धान की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां कैंपिंग और रिवर राफ्टिंग की जाती है मोरी में रॉक क्लाइंबिंग भी खेला जाता है जो कि यहां के मशहूर खेलों में शामिल है। यहां देखने लायक जगह की बात करें तो एशिया का सबसे लंबा देवदार का जंगल मोरी में ही है और इसी के साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध पोखू देवता का मंदिर भी मोरी में स्थित है जिन्हें क्षेत्र का राजा और न्याय का देवता भी कहा जाता है। समुद्र तल से लगभग 1150 मीटर की ऊंचाई पर बसा मोरी सुंदर वनस्पतियों एवं कई प्रकार के जीव जंतु के लिए प्रसिद्ध है। हर साल हजारों की संख्या में सैलानी यहां की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने और टोंस नदी में रिवर राफ्टिंग और ट्रेकिंग के लिए के लिए इस ओर अग्रसर होते हैं।तो यह थी उत्तरकाशी के कुछ खूबसूरत जगह एवं पर्यटक स्थल जहां आप अपने दोस्तों एवं परिवार के साथ घूम सकते हो और प्रकृति का आनंद ले सकते हो। यह जगह केवल घूमने फिरने ही नहीं बल्कि अध्यात्म की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। तो अगर आप घूमने फिरने के साथ ही अध्यात्म संस्कृति एवं धार्मिक स्थलों की तलाश कर रहे हो तो उत्तरकाशी आपके लिए सबसे अच्छी जगह में से एक हो सकता है।
यह भी पढ़ें- Kotdwar history in hindi: गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार का इतिहास है बेहद रोचक