कविता – जिद जरूरी है…….- पंकज कुमार खत्री (काव्य संकलन – देवभूमि दर्शन)
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श्रेष्ठ कुछ सोचा है
स्वप्न कुछ रचा है
संभव सब करना है,
तो…………..
ज़िद जरूरी है।
बन के कुछ दिखाना है
गैरों को चुप कराना है
शीघ्र कुछ करना है
तो…………..
ज़िद जरूरी है।
अर्जुन तुझे बनना है
लक्ष्य भेद करना है
कीर्तिमान नया रचना है
तो…………..
ज़िद जरूरी है।
भविष्य को संवारना है
गौरव सबका बनना है
कुछ नया जानना है
तो…………..
ज़िद जरूरी है।
कामयाबी निश्चित है ‘पंकज’
मेहनत को स्वीकारना है
धैर्य को अपनाना है
तो…………..
ज़िद जरूरी है।
रचना -पंकज कुमार खत्री
आमवाला ट्राला रायपुर रोड देहरादून
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