Connect with us
फोटो: ममता (चमोली)- देवभूमि दर्शन

उत्तराखण्ड

काव्य संकलन

चमोली

गढ़वाली कविता: गांव की पीड़ा…. ममता (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

गढ़वाली कविता- गांव की पीड़ा Mamta poem

गांव की पीड़ा
अब गांव का गांव खाली होगी बुलाना चूलन गांव में अनु होगी

बिजली पानी सड़क सभी ढाणी
एगी।
देख दी देख दी सभी गांव छोरी के चली गई
धुरुपुल भी चरण बैठी को गो गुटेरों भी टूट गई
सभी गांव बाती बेर वासी जी
धुंध का महीना पहले खाल खलगा मां गीत लगनदाचा
जब वटी टीवी मोबाइल में ते दिन बाती गीत बंद होनी चा
पहले रामलीला देवता कौशिक मां कुटुंब सहित ओंदाचा
अब सभी अपनी सुख का पाना रीति रिवाज भूली गया
कोटा झागूरा गहत सब्जी हरचंद बैठिए
किले की बंदर गुणी भजन कोई नहीं जाना है घर बैठना
कुछ चली गया नोनिया को वास्ता कुछ चली गया खेरी का वास्ता
मुंगड़ा पतला भी छोरी ने सरकारी राशन का वास्ता
अब गांव का गांव खाली है क्या

रचना: ममता, नारायणबगड़ चमोली उत्तराखंड ( Mamta poem)

More in उत्तराखण्ड

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top
पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!