कहते है “सीढ़िया उन्हें मुबारक हो जिन्हे सिर्फ छत तक जाना है ,मेरी मंजिल तो आसमान है ,रास्ता मुझे खुद बनाना है”।
उपरोक्त पंक्तियाँ हुनरमंद दक्ष कार्कीके लिए एकदम सटीक बैठती है। दक्ष कार्की ने पीके एंटरटेनमेंट ग्रुप के यूट्यूब चैनल पर कुछ ही दिनों में मिलियंस व्यूज लेकर लोगो के दिलो में वही पहचान बना ली जो स्व.पप्पू कार्कीकी थी। अब कह सकते है नन्हा दक्ष कार्की अपने पिता के गीतों को अपनी आवाज देकर उनकी विरासत को भली भाति संभाल सकता है। दक्ष कार्की अपनी मासूमियत और सुरीली आवाज से लाखो दिलो की धड़कन बन चूका है।
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सबसे खाश बात तो ये है की यूट्यूब के बाद अब नन्हा कलाकार दक्ष बड़े मंचो पर अपनी आवाज का जादू बिखेर रहा है। ये सब दक्ष के हुनर का ही कमाल है जो इतनी छोटी उम्र में उत्तराखण्ड के लोकगीतों की परख करने लगा है। डैफ़ोडिल्स एजुकेशन इंस्टिट्यूट हल्द्वानी के मंच में फिर एक बार दक्ष कार्की ने ” सुन ले दगड़िया बात सुनी जा” को गाकर दर्शको को अपनी सुरीली आवाज का मुरीद बना दिया। दक्ष का गीत शुरू हुआ नहीं की दर्शको की तालियों के गड़गड़ाहट शुरू हुई नहीं।आप खुद वीडियो में नन्हे दक्ष कार्की का मंच प्रोग्राम देखिए।
वीडियो वाया -पीके एंटरटेनमेंट ग्रुप
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उत्तराखण्ड के सभी संगीत प्रेमियों को भी स्व. पप्पू कार्की के निधन के पश्चात किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो फिर से पप्पू कार्की के अमर गीतों को अपनी आवाज देकर उनके उत्तराखण्ड़ लोकसंगीत की विरासत को संभाले और ईश्वर को भी यही मंजूर था जो उनके ही सुपुत्र दक्ष कार्की को ये हुनर मिला।