(Uttar Pardesh)बोले मुख्यमंत्री: अंतिम क्षणों में पिता के दर्शन की बहुत अभिलाषा थी लेकिन प्रदेश की जनता के प्रति समर्पण के कारण नहीं कर पाया..
ऐसे दुःख की घडी में भी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता के हितों को सर्वोपरि रखा, यही तो एक सच्चे संत की पहचान है। जी हां.. उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हितों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी अपने स्वर्गवासी पिता आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे। बताया गया है कि वह केवल दिल्ली एम्स में पिता के शरीर के अंतिम दर्शन करेंगे। योगी ने इस बाबत एक पत्र जारी कर परिजनों से भी पिता के अंतिम संस्कार में लाॅकडाउन का पूरा पालन करने को कहा है। इस माध्यम से योगी ने अपनी मां से भावुक अपील करते हुए कहा है कि मां, पिता को श्रद्धांजलि। पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख और शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक अभिलाषा थी। लेकिन उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता का दायित्व भी इस समय मुझ पर हैं इसी कर्तव्यबोध को जानकर मैं न तो पिता के अंतिम क्षणों में दर्शन कर पाया और ना ही अब 21 अप्रैल को हरिद्वार में उनके अंतिम संस्कार में भाग लें पाऊंगा। आप भी यह सुनिश्चित करने की भरपूर कोशिश करिए कि अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद मैं आपके दर्शनार्थ अवश्य आऊंगा।
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योगी को मीटिंग के बीच मिला पिता के निधन का समाचार, कुछ पल नम हुई आंखें परंतु फिर भी जारी रखी मीटिंग:-
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्वाश्रम के पिता आंनद सिंह बिष्ट का आज सुबह दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। जिस समय यह दुखद समाचार योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा उस समय योगी बतौर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग में व्यस्त थे। पिता के निधन का समाचार सुनकर योगी आदित्यनाथ की आंखें भी हर किसी की तरह नम हो गई। लेकिन जैसे ही अधिकारियों ने उनको शोक संवेदना देकर मीटिंग रोक देने का सुझाव दिया तो योगी पहले की तरह ही गम्भीर होकर बोले बैठक जारी रहेगी। कोरोना संक्रमण को लेकर अपनी कोर टीम के साथ हुई इस बैठक को जारी रखकर योगी ने ने सिर्फ अपना प्रदेश हित सर्वोपरि रखा बल्कि इस दुःख की घडी में भी एक कुशल शासक की तरह सभी अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि कोटा से उत्तर प्रदेश लौटे सभी बच्चों को होम क्वारंटाइन कराना सुनिश्चित कराएं तथा सभी बच्चों के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराने के बाद ही उनको होम क्वारंटाइन किया जाए।
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