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Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="Himanshu leave politics join army"

उत्तराखण्ड

ऊधमसिंह नगर

पिथौरागढ़

उत्तराखंड: राजनीति छोड़ सेना में जाकर देशसेवा करेगा पहाड़ का बेटा हिमांशु, कहा-‘यह मेरा सौभाग्य’

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जहां वर्तमान समय में देवभूमि उत्तराखंड सहित सम्पूर्ण भारतवर्ष में क‌ई लोग अपना क्षेत्र छोड़कर राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, यहां तक कि उनके द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि राजनीति से जुड़ कर ही सामाजिक सेवा की जा सकती है। वहीं पर्वतीय राज्य देवभूमि उत्तराखंड में क‌ई ऐसे लोग भी हैं जो अभी भी राजनीति की बजाय सेना में जाकर देशसेवा करने को ही सर्वोपरि मानते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में सबसे बड़ी मिसाल तो खुद प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री स्व• प्रकाश पंत ने अपनी पुत्री को सेना को समर्पित कर दी है। आज हम आपको एक ऐसे ही नौजवान से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने छात्रसंघ अध्यक्ष का पद छोड़कर सेना में जाकर देशसेवा करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं वह तो प्रशिक्षण के लिए निकल भी चुके हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के ऊधमसिंह नगर निवासी हिमांशु धामी की, जिन्होंने हाल ही में सितारगंज डिग्री कालेज से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता है। अब हिमांशु का चयन आर्मी की गोरखा रेजीमेंट में हुआ है और उन्होंने इसे ज्वाइन करने का अद्वितीय निर्णय लेकर परिवार की खुशी को दोगुनी कर दिया है।




बता दें कि मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के ग्राम राथी निवासी हिमांशु ने पहले तो सितारगंज डिग्री कालेज से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता और अब वह सेना की गोरखा रेजीमेंट में भर्ती हो गए हैं। बताते चलें कि हिमांशु ने छात्रसंघ अध्यक्ष के आरामदायक पद को छोड़कर सेना के कठिन प्रशिक्षण की चुनौती को स्वीकार किया है। इतना ही नहीं वह 16 सितंबर से बनारस में हो रही आर्मी की ट्रेनिंग का हिस्सा भी बन चुके हैं। उनका कहना है कि भारतीय सेना से जुड़कर देशसेवा करना उनका सौभाग्य है। वर्तमान में सितारगंज के सिसौना गांव निवासी हिमांशु ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जज्बा और लगन से मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। सबसे खास बात तो यह है कि हिमांशु के परिवार के ज्यादातर लोग सेना में सेवा दे रहे हैं। उनके पिता नर सिंह धामी वर्ष 2012 में आर्मी के हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं तो उनके दादा स्व• गगन सिंह धामी ने भी वर्ष 1964 और 1971 के युद्ध में भाग लिया था। वर्तमान में हिमांशु का बड़ा भाई विकास धामी भी सेना में है। विकास दो साल पहले सेना में भर्ती हुए थे और वर्तमान में उनकी पोस्टिंग लेह-लद्दाख में है। हिमांशु की इस सफलता से क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। उनके अध्यापकों का कहना है कि पूरा महाविद्यालय भी उनकी सफलता पर गौरवान्वित हुआ है।




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