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Vijay Semwal of Tehri Garhwal UGC NET EXAM
फोटो देवभूमि दर्शन

उत्तराखण्ड

टिहरी गढ़वाल

टिहरी गढ़वाल के विजय सेमवाल ने 59 वर्ष में उत्तीर्ण की यूजीसी नेट परीक्षा

Vijay Semwal UGC NET EXAM:  विजय ने रिटायरमेंट की उम्र में हासिल किया मुकाम,  सरकारी सेवा से विरत होने के बाद कड़ी मेहनत एवं लगन से उत्तीर्ण की यूजीसी नेट परीक्षा….

Vijay Semwal UGC NET EXAM
दिल से कुछ पाने की चाह हो तो जरुरत बढ़ जाती है,
राहों में मुसीबत आए तो हिम्मत बढ़ जाती है,
हार जाए तो कम हो जाते है दाम अक्सर…
अगर जीतने की ठान ले तो कीमत बढ़ जाती है !

इन चंद पंक्तियों को एक बार फिर सही साबित कर दिखाया है उत्तराखंड के एक होनहार वाशिंदे ने। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के जाखणीधार ब्लाॅक के ग्राम पंचायत नेग्याणा मगरौं निवासी विजय सेमवाल की, जिन्होंने रिटायरमेंट की उम्र में राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण की है। बता दें कि 59 वर्षीय सेमवाल ने टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट विषय पर नेट क्वालीफाई किया है। सबसे खास बात तो यह है कि वे यूपी गढ़वाल मंडल विकास निगम में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के उपरांत उन्होंने घर पर रहकर निरंतर पढ़ाई जारी रखी और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी से यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है ।
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देवभूमि दर्शन से खास बातचीत:-

Vijay Semwal Tehri Garhwal
देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में विजय सेमवाल ने बताया कि वह एक उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी है। उन्होंने वर्ष 2012 में उत्तराखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी से टूरिज्म मैनेजमेंट में परास्नातक की डिग्री हासिल की। इससे पूर्व उन्होंने वर्ष 1990 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से टूरिज्म मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है। जिसके उपरांत उनकी गढ़वाल मंडल विकास निगम में नौकरी लग गई। वर्ष 2020 में निगम की सेवा से विरत होने के उपरांत भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। उम्र के इस पड़ाव में जब लोग सबकुछ छोड़कर बैठना पसंद करते हैं विजय ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने सपनों को साकार किया। भविष्य में वह टूरिस्ट मैनेजमेंट में शोध कर पीएचडी करना चाहते हैं। विजय बताते हैं कि इस परीक्षा में सफलता पाने का उनके मन में जुनून था। इसके लिए उन्होंने न तो कोई कोचिंग ली और न ही ऑनलाइन पढ़ाई की। वह बताते हैं कि जो भी पुस्तकें उनके पास उपलब्ध थी उन्हीं को लगातार पढ़ते रहे, और उनकी इसी कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें उम्र के इस पड़ाव पर भी अभूतपूर्व सफलता दिलाई। वास्तव में अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल कर विजय राज्य के हजारों युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गए हैं।

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