⁷ìउत्तराखण्ड(Uttarakhand) का बेटा राजवीर दानू बना भारतीय सेना(Indian Airforce) में लेफ्टिनेंट माता पिता ने लगाएं कंधो पर स्टार
मंजिलें उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उडान होती है।”
ये चंद पंक्तियां यह बताने के लिए काफी है कि अगर होंसले बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसी ही कुछ कहानी है उत्तराखण्ड(Uttarakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले के सीमांत विकासखंड मुनस्यारी के तल्ला जोहार क्षेत्र के रहने वाले राजवीर सिंह दानू की, जो शनिवार को भारतीय वायुसेना(Indian Airforce) में अफसर बन गए है। सेना में जाकर देशसेवा करने में विशेष रुचि रखने वाले राजवीर को शनिवार को चेन्नई में उनके माता-पिता ने कंधों पर स्टार लगाकर उन्हें देश को सौंपा। बता दें कि अपनी सेना में देश सेवा करने की इच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए भी अपनी देशसेवा करने की इच्छा को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास जारी रखें। जो यह बताने के लिए काफी है कि उनमें सेना में जाकर देशसेवा करने का कितना जूनून था। उनका यह जूनून ही हमें उनके देशप्रेम से ओत-प्रोत विशाल ह्रदय की झलक भी दिखाता है।
” होनहार बिरबान के होत चिकने पात” इस कहावत को सही रूप में चरितार्थ करने वाले राजवीर दानू बचपन से ही मेधावी प्रतिभा के धनी हैं। मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी विकास खंड के तल्ला जोहार क्षेत्र के रसियाबगड़ गांव निवासी जीवन सिंह दानू के बेटे राजवीर दानू की प्रारम्भिक शिक्षा ज्ञानदीप विद्या मंदिर नाचनी में हुई। उसके बाद उन्होंने नैनीताल में रहकर पार्वती प्रेमा जगाति विद्यालय से इंटर तक की शिक्षा प्राप्त की। पुनः पिथौरागढ़ आकर उन्होंने एलएसम महाविद्यालय से पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले राजवीर ने वर्ष 2014 में बीएससी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। अपनी मेहनत और लगन के बल पर वह वर्ष 2015 में ग्राम विकास अधिकारी पद पर नियुक्त हुए। वर्ष 2018 में एनडीए में चयन होने तक वह इसी पद पर मुनस्यारी विकासखंड में कार्यरत रहे। सेना में चयन होने के पश्चात उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। चेन्नई में एक साल प्रशिक्षण लेने के बाद शनिवार को पिता जीवन सिंह दानू, माता चंद्रकला दानू और दो बहनों विनीता और हंसा ने राजवीर को स्टार पहनाए। इसके साथ ही उनके बचपन का सपना जो उन्होंने अपने ताऊ मंगल सिंह दानू से मिली प्रेरणा से देखा था शनिवार को वह भी पूरा हो गया। राजवीर के ताऊ आइटीबीपी में सैन्य अधिकारी है और उनसे ही राजवीर को सेना में जाकर देशसेवा करने की प्रेरणा मिली।