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उतराखण्ड: विशाखा ने दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा की उतीर्ण वर्तमान में हैं आईपीएस अफसर

Uttarakhand UPSC RESULT: आईपीएस विशाखा ने यूपीएससी के परीक्षा परिणामों में दोबारा हासिल की 134वीं रैंक, पहली असफलता से निराश होने वाले युवाओं और छात्र-छात्राओं को को दी बड़ी सीख

बीते मंगलवार को जारी सिविल सेवा परीक्षा 2019 के परीक्षा परिणामों में उत्तराखंड के युवा भी छाए हुए हैं। परीक्षा परिणामों में बेटों के साथ ही राज्य की बेटियों ने भी शानदार रैंक हासिल कर समूचे उत्तराखण्ड को गौरवान्वित किया है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राज्य के देहरादून निवासी विशाखा डबराल की, जो वर्तमान में गुजरात कैडर की एक आईपीएस अफसर भी है। मंगलवार को जारी परीक्षा परिणामों (Uttarakhand UPSC RESULT) में विशाखा ने पूरे देश में 134वीं रैंक हासिल की है। सबसे खास बात तो यह है कि दो वर्ष पहले भी विशाखा ने सिविल सेवा परीक्षा-2017 के परीक्षा परिणामों में देशभर में 134 वीं रैंक पाई थी। बहरहाल विशाखा इस बार भी अपनी रैंक सुधार ना पाई हो परन्तु उसके जज्बे ने साबित कर दिया कि जिंदगी में एक बार असफल होने से हार नहीं माननी चाहिए बल्कि बार-बार कोशिश कर उस असफलता को सफलता में तब्दील करने के लिए जी-जान से मेहनत करनी चाहिए। विशाखा उन युवाओं के लिए तो प्रेरणास्रोत है ही जो आईएएस-आईपीएस के परीक्षा परिणामों में सफल ना होने पर हार मान लेते हैं साथ ही विशाखा की यह सीख उन छात्र-छात्राओं के लिए भी प्रेरणादायक है जो हाईस्कूल या इंटरमीडिएट की परीक्षा में असफल होने पर आत्मघाती कदम उठा लेते हैं।
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विशाखा ने अपनी मां को बताया खुद का सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत, पिता है उत्तराखंड पुलिस में अधिकारी:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के देहरादून जिले के तुनवाला निवासी विशाखा डबराल वर्तमान में गुजरात कैडर की एक होनहार आईपीएस अफसर है। बता दें कि विशाखा ने मंगलवार को जारी यूपीएससी-2019 के परीक्षा परिणामों में 134 वीं रैंक हासिल की है। विशाखा के पिता बीपी डबराल उत्तराखण्ड पुलिस में एक अधिकारी है। अपनी मां रश्मि डबराल को स्वयं का सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत बताने वाली विशाला का कहना है कि लगन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने खुद यह मुकाम दो बार कड़ी मेहनत से हासिल किया है। विशाखा की दूसरी सफलता पर जहां उनके माता-पितापिता काफी खुश हैं वहीं पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि विशाखा ने अपने शानदार प्रदर्शन से दो-दो बार जिले के साथ समूचे उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। बताते चलें कि विशाखा ने 12वीं तक की पढ़ाई गुरुनानक एकेडमी से की, 12वीं के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास और अर्थशास्त्र स्नातक किया। 2015 में स्नातक करने के उपरांत वह सिविल सेवा की तैयारियों में जुट गई और वह अपने पहले प्रयास में असफल भी रही लेकिन अगले ही वर्ष पूरे देश में 134वीं रैंक हासिल की और गुजरात कैडर की एक आईपीएस अधिकारी बन गई। इसके बाद उन्होंने पुनः 2019 में रैंक सुधारने के उद्देश्य से सिविल सेवा की परीक्षा दी।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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