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Uttarakhand news: Martyr Ruchin singh Rawat last funeral in gairsain chamoli, the promise remain unfulfilled. Ruchin Singh Rawat funeral

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Ruchin Singh Rawat funeral: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रूचिन रावत, अधूरा रह गया मां से किया वादा

Ruchin Singh Rawat funeral: जवान बेटे को तिरंगे में लिपटे देख बिलख पड़े परिजन, बार बार बेसुध हो रही शहीद रूचिन की मां, बेटे के अधूरे वादे को कर रही याद….

मां भारती की रक्षा करते हुए जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले उत्तराखण्ड के वीर सपूत रूचिन रावत रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद गांव के पैतृक महादेव घाट पर उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इस अवसर पर सेना के जवानों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व रविवार सुबह साढ़े दस बजे जैसे ही शहीद लांस नायक रूचिन रावत का पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान उनके पैतृक गांव पहुंचे तो तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर परिजन बिलख उठे। जवान बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर जहां उनकी मां बेसुध हो गई वहीं उनके दादा-दादी, पिता, पत्नी, भाई का भी रो-रोकर बुरा हाल है। रूदन क्रंदन के इस गमहीन माहौल को देखकर वहां मौजूद हर शख्स की भी आंखें नम हो गई। शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़े विशाल जनसैलाब ने मां भारती के इस वीर सपूत को भावभीनी विदाई दी। इस दौरान पूरा क्षेत्र, रूचिन तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान, शहीद रूचिन रावत अमर रहे, भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा।
(Ruchin Singh Rawat funeral)
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अधूरा रह गया मां से किया वादा:-

गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के गैरसैंण ब्लॉक के कुनीगाड़ गांव निवासी रूचिन सिंह रावत बीते शुक्रवार को जम्मू के राजौरी कोटरंगा सब डिवीजन केसरी हिल क्षेत्र में आतंकियों के साथ मुठभेड़ करते हुए शहीद हो गए थे। बता दें कि शहीद लांस नायक रूचिन वर्ष 2009 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती 9 पैरा कमान उधमपुर में थी। जहां वह अपनी पत्नी कल्पना और बेटे हर्षित के साथ रहते थे। रूचिन की शहादत की खबर भी उनकी पत्नी कल्पना ने ही घर पर दी थी। शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया था। बताया गया है कि शहीद रूचिन आगामी 10 म‌ई को अपने परिवार के साथ गांव आने वाले थे। उन्होंने यह वादा अपनी मां पार्वती देवी से किया था। परंतु उससे पहले ही 7 म‌ई को तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को देखकर पार्वती देवी बेसुध हो गई। वह बार-बार बेटे के वादे करते हुए यह कहकर अचेत हो रही है कि रुचिन ने 10 मई को पत्नी और बच्चे सहित गांव में आने का वादा किया था। उसका यह वादा अब अधूरा ही रह गया है।
(Ruchin Singh Rawat funeral)

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