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Rohit Bhatt CDS Pithoragarh

उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़: रोहित ने बिना किसी कोचिंग के उत्तीर्ण की CDS परीक्षा, पिता करते हैं मनरेगा में मजदूरी

Rohit Bhatt CDS Pithoragarh: रोहित ने गांव में रहकर सेल्फ स्टडी के दम पर उत्तीर्ण की सीडीएस की परीक्षा, ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों से किया रोहित का स्वागत…

Rohit Bhatt CDS Pithoragarh
राज्य के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर विषम परिस्थितियों परिस्थितियों वाले राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले अनेकों युवाओं ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते सफलता के ऊंचे ऊंचे मुकाम हासिल कर इस बात को अनेकों बार सही साबित कर दिखाया है कि भले ही पहाड़ में सुविधाओं की कमी हो परंतु यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने परिवार की विषम परिस्थितियों से जूझते हुए अपनी काबिलियत के दम पर बिना किसी कोचिंग के सीडीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। जी हां… हम बात कर रहे हैं सीमांत पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले रोहित भट्ट की, जिन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। उनकी इस सफलता से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल कर अपने परिजनों के साथ ही सीमांत जिले का मान बढ़ाने वाले रोहित मूल रूप से नेपाल सीमा पर स्थित बलतड़ी गांव के रहने वाले हैं। एक बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले रोहित के पिता उमेश भट्ट जहां गांव में मनरेगा में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं वहीं उनकी मां हेमा भट्ट एक कुशल गृहिणी हैं और घर में खेती-बाड़ी कर परिवार की आजीविका चलाने में पति का हाथ बंटाती है। बताते चलें कि बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल दर्जे के छात्र रहे रोहित ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बाल विद्या मंदिर नागार्जुन से प्राप्त करने के उपरांत जवाहर नवोदय विद्यालय से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। तदोपरांत उन्होंने लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ से स्नातक की डिग्री हासिल की। जिसके पश्चात वह सीडीएस परीक्षा की तैयारियों में जुट गए। इसके लिए उन्होंने गांव में रहकर ही सेल्फ स्टडी पर फोकस किया और बिना किसी कोचिंग के यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की। बीते रोज गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते झूमते हुए रोहित का स्वागत किया।

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