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उत्तरकाशी हादसा: पांच दिन पहले छुट्टियों पर घर आया था विकास मां के साथ तोड़ दिया दम

Uttarkashi car accident: छोटे बेटे और पत्नी की मौत से बेसुध हुए रूकम सिंह, डरे सहमे मांग रहे हैं बड़े बेटे की सलामती की दुआ….

बीते रोज राज्य के उत्तरकाशी जिले के बड़ेथी बनचौरा मोटर मार्ग पर मोरगी बैन्ड के पास हुए भयावह कार हादसे ने इंद्रा गांव निवासी रुकम सिंह पर दुखों का एक ऐसा पहाड़ तोड़ दिया है जिसे आजीवन भूल पाना उनके लिए असंभव होगा। हादसे में पत्नी पवना देवी और छोटे बेटे विकास की एक साथ मौत की खबर से बुरी तरह टूट चुके रूकम अब डरे सहमे गंभीर रूप से घायल अपने बड़े बेटे भूपेंद्र सिंह की सलामती की दुआ कर रहे हैं। यह क्षण उस पिता के लिए बड़ा ही कष्ट देने वाला है जिसने मेहनत मजदूरी करके अपने बेटों को काबिल बनाया हों। बुढ़ापे में अपने सुख-दुख के साथी पवना का असमय साथ छूट जाने जहां उनका रो-रोकर बुरा हाल है वहीं छोटे बेटे विकास की मधुर आवाज़ रह-रहकर उनके कानों में गूंज रही है। बता दें कि रूकम के दोनों बेटे देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे।
(Uttarkashi car accident)
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बता दें कि सेना में तैनात दोनों बेटे इसी माह छुट्टी पर घर आए थे जिससे घर में खुशी का माहौल था। परंतु बुधवार को हुए इस भीषण हादसे ने जहां रूकम सिंह से पत्नी और छोटे बेटे को छीन लिया और बड़ा बेटा भी अस्पताल में भर्ती है वहीं परिवार की सारी ‌खुशियों को पल भर में ही मातम में तब्दील कर दिया। मृतक विकास तो महज पांच दिन पहले ही छुट्टियों पर अपने घर आया था‌। तब शायद ही किसी ने सोचा हों कि इस बार की यह छुट्टियां उसे काल का ग्रास बना लेंगी। गौरतलब हों कि बीते बुधवार तड़के उत्तरकाशी जिले के बड़ेथी बनचौरा मोटर मार्ग पर मोरगी बैन्ड के पास एक कार के अनियंत्रित होकर लगभग 500 मीटर गहरी खाई समा जाने से चिन्यालीसौड़ के इंद्रा गांव की पवना देवी पत्नी रुकम सिंह और उनके 22 वर्षीय बेटे विकास सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि हादसे में मृतका का दूसरा बेटा 25 वर्षीय भूपेन्द्र सिंह गंभीर घायल हो गया। सीएचसी चिन्यालीसौड़ से अपनी मां का इलाज करवाकर वापस लौट रहे थे। हादसा इतना भयावह था कि कार को कटर से काटकर शवों को बाहर निकाला गया।
(Uttarkashi car accident)
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बता दें कि इंद्रा गांव निवासी रुकम सिंह ने आजीवन मेहनत मजदूरी कर परिवार की गुजर बसर की। अपने तीनों बच्चों को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाया। परिवार की इन विषम परिस्थितियों में रूकम की पत्नी पवना ने हरदम अपने पति के हाथों से हाथ बटाया, पति मजदूरी करने जाते तो रूकमा पशुपालन और घर गृहस्थी के कार्यों में जुटी रहती। पांच वर्ष पहले जैसे ही उनका बड़ा बेटा भूपेंद्र सिंह आर्मी में भर्ती हुआ तो गरीब माता-पिता की खुशी का ठिकाना न रहा। उन्हें लगा अब जैसे उनके गरीबी के दिन धीरे धीरे छट जाएंगे। इसी बीच डेढ़ वर्ष पूर्व जैसे ही उनके छोटे बेटे ने भी आर्मी ज्वाइन की तो वह सब कुछ छोड़कर आराम से अपने बुढ़ापे के दिन व्यतीत करने लगे। माता पिता से मिलने 20 दिन पूर्व ही उनका बड़ा बेटा भूपेंद्र सिंह घर छुट्टी पर आया था। जिसके बाद पांच दिन पूर्व ही छोटा बेटा विकास सिंह भी घर आया। मां का स्वास्थ्य खराब होने के कारण दोनों ने उसका इलाज करवाने का फैसला लिया। पर शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था, इलाज के बहाने उसने विकास और पवना को काल का ग्रास बना लिया तो भूपेंद्र गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में इलाज की बाट जोह रहा है।
(Uttarkashi car accident)

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