anadolu yakası escort - bursa escort - bursa escort bayan - bursa bayan escort - antalya escort - bursa escort - bursa escort -
istanbul escort - istanbul escorts -
ümraniye escort - bursa escort - konya escort - maltepe escort - eryaman escort - antalya escort - beylikdüzü escort - bodrum escort - porno izle - istanbul escort - beyliküdüzü escort - ataşehir escort - van escort -
Connect with us
उत्तराखंड- खटीमा की बेटी पिया पिता के इलाज के लिए 108 पर काॅल करती रह गई पिता ने तोड़ा दम

Coronavirus In Uttarakhand

उत्तराखण्ड

ऊधमसिंह नगर

उत्तराखंड- खटीमा की बेटी पिया पिता के इलाज के लिए 108 पर काॅल करती रह गई पिता ने तोड़ा दम

Khatima: मृतक की बेटी (piya chaudhary) ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए लापरवाही के आरोप, कहा अगर समय पर उपचार और आक्सीजन मिल जाता तो शायद वह आज जिंदा होते..

हम जानते हैं कि कोरोना एक संक्रामक बीमारी है लेकिन यह इतनी भी खतरनाक नहीं कि इसके लिए हमें मानवता को भी दांव पर लगाना पड़े। परंतु राज्य का स्वास्थ्य विभाग ऐसी परिस्थितियों में भी मानवता से खिलवाड़ करने में लगा है। कोरोना पोजिटिव होने की आंशका से न केवल मरीज और उसके परिजनों को इधर-उधर घुमाया जा रहा है बल्कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी बिल्कुल पालन नहीं किया जा रहा है। ताज़ा मामला राज्य के उधमसिंह नगर जिले के खटीमा (Khatima) का है जहां एक बेटी पिया चौधरी (piya chaudhary) ने अपने पिता की मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। इसके लिए उसने जिलाधिकारी रंजना राजगुरु को पत्र भी लिखा है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि यदि उसके पिता को समय पर उपचार और आक्सीजन मिल जाता तो शायद वह आज जिंदा होते परन्तु इसके उलट निजी तथा सरकारी चिकित्सालयों द्वारा उन्हें इधर-उधर घुमाया गया। जिलाधिकारी ने प्रिया के पत्र का संज्ञान लेते हुए मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। जिला कोविड नियंत्रण अधिकारी बंशीधर तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: जुड़वा बच्चों की हुई मौत उसके बाद प्रसुती महिला ने अस्पताल के धक्के खाकर तोड़ा दम

मृतक के परिवार में बेटी के अलावा पत्नी और पुत्र, सभी का रो-रोकर बुरा हाल:-

बता दें कि पिया चौधरी नामक एक लड़की ने सोशल मीडिया के माध्यम से न केवल स्वास्थ्य विभाग की खामियों को उजागर किया है बल्कि उन्हें अपनी पिता की मौत का जिम्मेदार भी बताया है। राज्य के उधमसिंह नगर जिले के खटीमा तहसील के राजीव नगर अल्केमिस्ट रोड निवासी पीके चौधरी पुत्र बीके चौधरी एक निजी कम्पनी में फोरमैन के पद पर कार्यरत थे। बताया गया है कि बीते आठ अगस्त को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई जिस पर परिजन उन्हें क्षेत्र के ही एक निजी अस्पताल में ले गए। खांसी बुखार की शिकायत ज्यादा होने पर अस्पताल के चिकित्सकों को उनके कोरोना पोजिटिव होने का शक हुआ और उन्होंने परिजनों से मरीज को नागरिक अस्पताल में दिखाने को कहा। जहां 10 अगस्त को पहले उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट और उसके बाद 11 अगस्त को रैपिड एंटिजन टेस्ट किया गया, रिपोर्ट पोजिटिव आने के बाद उन्हें रूद्रपुर रेफर किया गया जहां उपचार के दौरान फोरमैन ने देर रात को अपना दम तोड दिया। मृतक के परिवार में बेटी प्रिया के अलावा फोरमैन की पत्नी और बेटा है, हादसे से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड : कोरोना से हुई मौत तो गांव वालों ने शव पहाड़ लाने से किया मना, परिजन नहीं कर सके दर्शन
बेटी द्वारा स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गए आरोप-

मृतक फोरमैन की बेटी पिया चौधरी चौधरी के जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र के अनुसार मरीज को ले जाने के लिए एम्बुलेंस दोपहर के 12 बजे बुलाई गई जो दिन के तीन बजे मरीज को लेने पहुंची। इसके लिए 108 को फोन करने पर 112 पर फोन करने को कहा गया और 112 पर काल करने पर जबाव मिला हम आपकी समस्या को आगे पहुंचा रहे हैं। कोरोना मरीज को लाने-लेजाने के लिए लगी एम्बुलेंस चालकों ने भी विभिन्न बहाने बताकर आने से मना कर दिया। काफी मशक्कत के बाद तीन बजे मरीज को लेने पहुंची एंबुलेंस का चालक यह बोलकर चला गया कि आप मरीज को बैठाइए वह पीपीई किट पहनकर आता है। जिसके बाद वह 1 घंटे बाद वहां आया। मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी लेकिन एम्बुलेंस में आक्सीजन सिलेंडर तक की व्यवस्था नहीं थी। सरकारी अस्पताल से मरीज को रूद्रपुर रेफर करने की कागजी कार्रवाई में एक-दो घंटे का समय लगाया गया। जिसके बाद प्रिया को पीपीई किट पहनाकर मरीज के साथ एम्बुलेंस में रूद्रपुर भेजा गया, मौत के बाद प्रिया को मरीज का चेहरा तक नहीं दिखाया गया परन्तु उसे उन्हीं के साथ एम्बुलेंस में बैठाकर वापस खटीमा भेज दिया गया।

alt="uttarakhand khatima piya chaudhary complaint news"



यह भी पढ़ें- अंशल का बचपन से था आसमां में उड़ान भरने का सपना, अब पायलट बनकर दे रहे भारतीय वायुसेना में सेवा

Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

More in Coronavirus In Uttarakhand

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top