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Rishikesh Rafting base station
सांकेतिक फोटो Rishikesh Rafting base station

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Good news: ऋषिकेश में करोड़ों की लागत से बनेगा राफ्टिंग बेस स्टेशन बनेगा रोजगार का नया जरिया

Rishikesh Rafting base station : ऋषिकेश में 100 करोड़ की लागत से बनेगा राफ्टिंग बेस स्टेशन, 1500 लोगों को मिलेगा रोजगार….

Rishikesh Rafting base station : उत्तराखंड का ऋषिकेश जिसे योगनगरी के नाम से जाना जाता है अब यह साहसी पर्यटन का भी बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। जिसके चलते अब यहां पर 100 करोड़ रुपए की लागत से एक राफ्टिंग बेस स्टेशन का निर्माण किए जाने की तैयारी चल रही है इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। परियोजना से लगभग 1500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इस बेस स्टेशन के निर्माण से ना केवल साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ऋषिकेश की पहचान को भी एक नई ऊंचाई मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य ऋषिकेश राफ्टिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास करना और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करना है।
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Rishikesh Rafting station news बता दें भारत सरकार पूंजीगत निवेश के लिए सहायता नामक योजना के तहत देश के 23 राज्यों के 40 पर्यटक स्थलों के विकास के लिए 3, 295 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कर चुकी है जिसका लाभ सीधे तौर पर योग नगरी व पर्यटन नगरी ऋषिकेश को मिलने वाला है। जी हां दरअसल इस योजना के तहत आईकॉनिक सिटी ऋषिकेश में आधुनिक राफ्टिंग में बेस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा जिसमें ब्रह्मपुरी ,शिवपुरी, मरीन ड्राइव और कौड़ियाला के साथ ही राफ्टिंग के समापन स्थान नीम बीच, लक्ष्मण झूला आदि स्थानों को विकसित किया जाएगा। इसमें शौचालय और कपड़े बदलने के लिए उचित सुविधाओं का अनुभव देखने को मिलता है साथ ही सुरक्षा प्रावधानों में कमी और ऋषिकेश तपोवन शिवपुरी कॉरिडोर पर यातायात से होने वाली भीड़ समेत अन्य मुद्दे भी शामिल है जिनका निपटारा किया जाएगा।
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Rishikesh Rafting base station employment बता दें कि इस परियोजना का उद्देश्य अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर राफ्टिंग संचालक को केंद्रित करने के साथ ही अधिक धन खर्च करने की क्षमता वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करना तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है जिसके लिए मानकीकृत बुकिंग प्रणाली और बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। परियोजना में तपोवन क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और सुरक्षा को बेहतर करने के लिए आईटीसी आधारित निगरानी सिस्टम को लागू करना भी शामिल है। इसके अलावा पर्यावरण को बढ़ावा देने और क्षेत्र में इकोसिस्टम को बनाए रखने के लिए एक बेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी तैयार किया जाएगा जिसके जरिए 1500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। हालांकि इस योजना के लिए राज्य सरकार जमीन मुहैया कराएगी। जिसके लिए केंद्र सरकार ने 66 फीसदी धनराशि राज्य को जारी कर दी है। पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए 2 साल की समय सीमा रखी गई है।

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