Uttarakhand private school news: उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों के संचालन में अप्रैल महीने से देखने को मिलेगा बदलाव, हर महीने एक दिन होगा बैग फ्री डे, बस्तो का वजन होगा तय.. Uttarakhand private school news : उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों में अप्रैल महीने से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलने वाले हैं। दरअसल राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अब हर महीने एक दिन बैग फ्री डे होगा जिसका मतलब है कि छात्रों को एक दिन अपने स्कूल बैग के बिना स्कूल जाना होगा। इसके अलावा छात्रों के बस्ते का वजन भी उनकी कक्षा के अनुसार तय किया जाएगा जिसके तहत बच्चों को अधिक बोझ ढोने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा प्राइवेट स्कूल के बच्चे भी अब सरकारी स्कूल के बच्चों जैसे हमारी विरासत एवं विभूतियां किताबें पढ़ेंगे जिसके चलते उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति समेत विभिन्न विषयों के बारे में पता चल पाएगा जिससे उनका सर्वांगीण विकास होगा।
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बता दें उत्तराखंड के विद्यालय शिक्षा मंत्री के साथ प्रदेश भर के निजी विद्यालय संगठन एवं संचालकों की बीते शुक्रवार को एक अहम बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस दौरान उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार की गई हमारी विरासत एवं विभूतियां किताबें अब राज्य के सभी निजी विद्यालयों में भी पढ़ाई जाएंगी । इसके अलावा निजी विद्यालयों में बच्चों के बस्तो का भार कम किया जाएगा और प्रत्येक माह में एक दिन बैग फ्री डे मनाया जाएगा जिसकी शुरुआत अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में की जाएगी जिस पर निजी विद्यालय संगठनों एवं स्कूल संचालकों ने भी सहमति जताई है। दरअसल बीते रविवार को शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को प्रदेश भर में तेजी से लागू करने की बात कही है। डॉक्टर धन सिंह रावत ने बताया कि निजी विद्यालयों में किताबें लागू होने से यहां पढ़ने वाले देश-विदेश के बच्चे उत्तराखंड की समृद्ध लोक विरासत, सांस्कृतिक विविधता लोक आंदोलन सामाजिक चेतना से जुड़े आंदोलन समेत लोकगीत लोक नृत्य जैसी उत्तराखंड की विभिन्न संस्कृतियों के बारे में आसानी से जान सकेंगे। इसके साथ ही निजी विद्यालयों में कक्षा के अनुसार बस्तो का वजन निर्धारित किया जाएगा इससे बच्चों पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ेगा। वहीं कहीं ना कहीं बच्चों का तनाव भी कम होगा। बैठक में निजी एवं सरकारी विद्यालयों के बीच टीचिंग शेयरिंग प्रोग्राम चलाने प्रयोगशाला व खेल मैदानों को आपस में साझा करने का भी निर्णय लिया गया है जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव हो सकेगा।