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Uttarakhand Roadways again hit the corporation after the FASTag case in rudrapur

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: फास्टैग मामले के बाद फिर से रोडवेज ने लगाई निगम को लाखों की चपत

Uttarakhand Roadways Rudrapur: उत्तराखंड रोडवेज को अब डीजल मामले में लगी भारी चपत, कुछ दिन पूर्व ही फास्टैग मामले में  3 लाख रुपए का हुआ था नुकसान

अपने अधिकारियों कर्मचारियों की हीलाहवाली के कारण हमेशा चर्चाओं में रहने वाली उत्तराखण्ड रोडवेज (Uttarakhand Roadways) से एक बेहद गंभीर खबर सामने आ रही है। विदित हो कि बीते दिनों ही रोडवेज द्वारा फास्टैग अकाउंट खाली होने के बावजूद हर टोल प्लाजा पर दोहरा टैक्स देने का मामला सामने आया था। जिससे रोडवेज को तीन लाख रूपयों की भारी चपत लगी थी ये मुद्दा अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हो पाया था कि अब रोडवेज के पंपों में पानी मिला हुआ डीजल पकड़ा गया है। मामला रोडवेज के रूद्रपुर(Rudrapur) डिपो का है। रोडवेज के अधिकारियों कर्मचारियों की इसी मनमानी के कारण न सिर्फ रोडवेज को प्रतिवर्ष लाखों रूपयों की चपत लगती है बल्कि क‌ई बार यात्रियों की जान भी सासंत में पड़ जाती है। बता दें कि रोडवेज पहले अपनी बसों के लिए बाहर से डीजल लेता था, लेकिन सभी डिपो पर अपने डीजल पंप लगने के बाद डीजल की बाहर से खरीद बंद कर दी गई। जिससे अधिकारियों कर्मचारियों का कम डीजल लेकर अधिक की रसीद कटाने के साथ ही कमीशन का एक बड़ा खेल बंद हो गया। जिस कारण रोडवेज के अधिकारी कर्मचारियों ने एक नया खेल शुरू कर दिया। जिसके कारण अब पानी मिला हुआ डीजल रोडवेज के पंपों में पकड़ा गया है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार रोडवेज में हर रोज करीब 70 हजार लीटर डीजल की खपत होती है। परंतु पैसा होने के बावजूद भी रोडवेज के अधिकारी इसके लिए तय समय पर आयल कंपनी को भुगतान नहीं करते और कंपनी आपूर्ति नहीं देती। जिससे रोडवेज को हर महीने दो से तीन बार डीजल बाहर से लेना पड़ता है। बताया गया है कि बाहर से आने वाले इस डीजल में न केवल मिलावट होती है बल्कि रोडवेज के अधिकारियों का मोटा कमीशन भी तय रहता है। विदित हो कि पिछले दिनों टाटा कंपनी ने रोडवेज में उपयोग की जाने वाली अपनी बसों का सबसे बड़ा कारण मिलावटयुक्त डीजल को बताया था। रूद्रपुर डिपो में पानी मिला डीजल पकड़े जाने के बाद टाटा कंपनी का यह दावा भी सही साबित हो गया है। इस संबंध में रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि रुद्रपुर डिपो में इंडियन आयल कंपनी से पहुंचे लाट में एक ड्रम में डीजल में पानी मिला है। बाकी लाट ठीक मिला है और इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों को शिकायत भेज दी गई है।

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