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Geetika Chuphal of khatima didihat Pithoragarh Flying Officer

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उत्तराखंड: खटीमा की गीतिका चुफाल बनी भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर

Geetika Chuphal Flying Officer: मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील क्षेत्र के सीणी गांव की रहने वाली है गीतिका, सैन्य परिवार से रखतीं हैं ताल्लुक….

Geetika Chuphal Flying Officer
उत्तराखण्ड की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर सैन्य क्षेत्रों में उत्तराखण्ड की बेटियों की बढ़ती संख्या इस बात को प्रमाणित करती है कि आज बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।‌ अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों से अपने माता-पिता के साथ ही समूचे प्रदेश को गौरवान्वित करने वाली राज्य की इन होनहार बेटियों से हम आपको आए दिन रूबरू कराते रहते हैं।‌ इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य के उधमसिंह नगर जिले की रहने वाली एक बेटी से रूबरू कराने जा रहे जिन्होंने फ्लाइंग ऑफिसर बनने का मुकाम हासिल किया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं खटीमा तहसील क्षेत्र की रहने वाली गीतिका चुफाल की, जिनका चयन भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के पद पर हो गया है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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Geetika Chuphal Khatima uttarakhand
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल करने वाली गीतिका चुफाल मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील क्षेत्र के सीणी गांव की रहने वाली है।‌ एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली गीतिका का परिवार वर्तमान में राज्य के उधमसिंह नगर जिले के खटीमा तहसील क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 टीचर्स कालोनी में रहता है। उनके पिता बलबीर सिंह चुफाल एक पूर्व सैनिक हैं जबकि उनकी मां पुष्पा चुफाल एक कुशल गृहिणी हैं। बता दें कि गीतिका ने अपनी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा सर्राफ पब्लिक स्कूल से प्राप्त करने के उपरांत वर्ष 2015-19 में आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल पूणे से बीटेक किया। जिसके पश्चात उन्होंने एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज (एएफटीसी) बंगलुरु से ऐरोनोटिकल इंजीनियरिंग इलेक्ट्रानिक (एसीईई) शाखा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने अप्रैल 2022 तक उड़ चलो निजी कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्य किया और जून 2022 से दिसंबर 2022 तक हैदराबाद में प्रशिक्षण लिया। जिसके उपरांत दिसंबर 2022 में उन्होंने एएफटीसी बंगलुरु में एसीईई शाखा में अपना प्रशिक्षण शुरू किया और बीते दिनों फ्लाइंग अफसर बनने का मुकाम हासिल किया। बेटी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है और वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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