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Chamoli tragedy of uttarakhand: now another lake found in Rishiganga reservoir area Rongthi, may be a big accident.

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Video: चमोली त्रासदी के बाद अब रोंगथी में एक और झील बनी, हो सकता है बहुत बड़ा हादसा

Chamoli Tragedy: उत्तराखंड (Uttarakhand) पर मंडरा रहा है एक और आपदा का खतरा, आपदाग्रस्त रैंणी गांव के पास ऋषिगंगा (Rishiganga) में फिर बनी झील, देखिए विडियो..

बीते रविवार को चमोली में आई आपदा (Chamoli Tragedy) से अभी उत्तराखंड (Uttarakhand) पूरी तरह उभर भी नहीं पाया है कि चमोली जिले के आपदाग्रस्त रैंणी गांव में एक और आफत ने दस्तक दे दी है। जी हां.. खबरों के मुताबिक ऋषिगंगा (Rishiganga) के मुहाने पर एक और झील बन गई है। बता दे कि यह वही नदी है जिस पर बीते रविवार को हुई तबाही का मंजर देश-दुनिया ने देखा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि ऋषिगंगा के मुहाने पर एक झील के बनने का दावा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञानी डा. नरेश राणा द्वारा किया गया है। इतना ही नहीं जहां पर झील बनी हुई है वहां जाकर डा. राणा ने जानकारी भी जुटाई है। जिसकी रिपोर्ट डॉक्टर राणा द्वारा विवि प्रशासन को भी सौंप दी है। उनके द्वारा इसका वीडियो भी जारी किया गया है। बताते चलें कि इससे पहले स्थानीय ग्रामीणों द्वारा भी क्षेत्र में एक और झील बनने की बात की गई थी परन्तु अभी तक शासन-प्रशासन उस ओर ध्यान नहीं दे रहा था लेकिन अब एक भूगर्भ विज्ञानी द्वारा झील बनने का दावा करने के बाद अब उत्तराखंड सरकार भी हरकत में आ गई है। वीडियो देखने के बाद हरकत में आए शासन ने टीएचडीसी, एनटीपीसी और आईआईआरएस को जांच करने के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल यही अनुमान लगाया जा रहा है कि उक्त झील रविवार को आई आपदा के बाद बनी है।
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भूगर्भ विज्ञानी डा. नरेश राणा के साथ-साथ वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान ने भी किया झील बनने का खुलासा, भविष्य के लिए बताया खतरनाक:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जिले के आपदाग्रस्त रैंणी गांव से पांच किलोमीटर ऊपर रोंगथी में ऋषिगंगा नदी के जलागम क्षेत्र में एक विशाल झील बन गई है। इस झील के बनने का दावा न सिर्फ गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञानी डा. नरेश राणा द्वारा अपनी विडियो में किया गया है बल्कि वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान द्वारा भी इसका खुलासा किया गया है। वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ. कलाचंद सांई के मुताबिक झील से पानी की निकासी भी नहीं हो रही है, जो भविष्य में बीते रविवार को आई आपदा की तरह खतरनाक हो सकता है। इस संबंध में उनका यह भी कहना है कि अधिक ऊंचाई होने के कारण अभी ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि झील में कितनी मात्रा में पानी है और इसकी लम्बाई व गहराई कितनी है परन्तु इस झील के विशालकाय होने की आंशका भी जताई जा रही है। बता दें कि स्थानीय लोगों द्वारा क्षेत्र में एक और झील बनने की जानकारी मिलने के बाद वाडिया की टीम ने ऋषिगंगा कैचमेंट का दुबारा हवाई सर्वे किया था। सर्वे के दौरान ही रोंगथी ग्लेशियर क्षेत्र में बनी यह झील दिखाई दी। वाडिया के निदेशक डॉक्टर सांई द्वारा इसकी जानकारी राज्य सरकार और चमोली जिला प्रशासन को दे दी है। जानकारी मिलने के बाद शासन भी सक्रिय हो गया है। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने इसके लिए अलग-अलग एजेंसियों को पत्र लिखकर जांच करने एवं रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है।

यह भी पढ़ें- चमोली आपदा: मृतक परिवार के परिजनों को केंद्र से 2 और राज्य सरकार से 4 लाख के मुआवजे का ऐलान

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