उत्तराखण्ड संगीत जगत ही है जो यहाँ की संस्कृति को दुनियाभर में एक विशेष पहचान दिला रहा है, इसका श्रेय जाता है उन सभी लोक कलाकारों को जो हर सम्भव प्रयासरत है। कलाकारों की इन्ही श्रेणी में एक और नाम जुड़ता है प्रोफेसर अरविन्द रावत का जिनके गीतों में कुछ अलग झलक देखने को मिलती है। उनकी उत्कृष्ट गायन शैली तो पिछले गीतों में देखने को मिली ही इसके साथ ही उनके गीतों में जो विशेष शब्दो का चुनाव रहता है वो काफी प्रभावशाली रहता है। बता दे की युवा गायक अरविन्द सिंह रावत एवं युवा गायिका शोभना रावत स्वामी दवारा स्वरचित गढ़वाली गीत “किलै औन्दी” का विमोचन देहरादून के रायपुर के यूरी रेस्ट्रोरेंट में दिनांक 29 जून को हुआ। गीत का विमोचन पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की धर्मपत्नी रश्मि त्यागी रावत के करकमलो दवारा किया गया। इस मौके पर गीत गीत के संगीतकार रणजीत सिंह भी मौजूद रहे। मुख्य अतिथि रश्मि त्यागी रावत ने कहा की आजकल के शोर शराबे से कही दूर हटकर ऐसे शांत और सुरीले गीतों की भी बेहद जरूरत थी।
देवभूमि दर्शन से खास बात चित में गायक और गीतकार अरविन्द रावत ने बताया की गीत को उनके यूटूब के ऑफिसियल चैनल से 29 जून को रिलीज किया गया। गीत में अपने खूबसूरत अभिनय से बृजेश राय और मिष्टी ने चार चाँद लगा दिए। वही गीत का निर्देशन भी स्वयं गायिका शोभना रावत स्वामी ने ही किया है। गीत को मसूरी , तपोवन और मालदेव में शूट किया गया है। इस गीत से पहले गीतकार अरविन्द रावत ने बेहद खूबसूरत गीत “हिमला” भी अपने चैनल से ही रिलीज किया था जिसे लोगो द्वारा बेहद पसंद किया गया। गीतकार अरविन्द रावत और उनकी पूरी टीम को पूरा विश्वाश है की ये गीत भी लोगो को जरूर पसंद आएगा।
गीत के लिरिक्स : किले औंदी… किले औंदि.. मेरा राति सुपिन्यों मा तु किले औंदी दिन भरो पिथायुं रंदू मेरी निंद पुरेण नि देंदी किले औंदी……