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Uttarakhand: almora shweta joshi cracked UPSC EXAM got 49th rank in second list

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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: UPSC परीक्षा में श्वेता जोशी की 49 वीं रैंक, डाक विभाग में बनेंगी अधिकारी

 Uttarakhand : श्वेता जोशी ने एक बार असफल होने के बाद फिर से सिविल सेवा परीक्षा(UPSC EXAM)-2019 के परीक्षा परिणामों की द्वितीय सूची में  प्राप्त किया 49वां स्थान

देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) की प्रतिभाशाली बेटियां आज अपनी प्रतिभा के बलबूते चहुंओर छाई हुई है। आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां देवभूमि की बेटियों ने सफलता हासिल न की हो। आज हम आपको देवभूमि की एक और ऐसी ही बेटी से रूबरू करा रहे हैं जिसने सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) (UPSC Exam)के परीक्षा परिणामों में सफलता हासिल की है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के अल्मोड़ा जिले की रहने वाली श्वेता जोशी की, जिन्होंने हाल ही में घोषित हुए सिविल सेवा परीक्षा-2019 के परीक्षा परिणामों की द्वितीय सूची में 49वां स्थान प्राप्त किया है। सबसे खास बात तो यह है कि उन्होंने यह सफलता सिविल सेवा की परीक्षा-2018 में एक बार असफल होने के बावजूद हासिल की है, जो राज्य के अन्य युवाओं को भी यही सीख देती है कि असफलताओं से हार न मानकर हमें एक बार पुनः प्रयास करना चाहिए। इस अभूतपूर्व सफलता से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। अपनी इस सफलता का श्रेय पिता चंद्रबल्लभ जोशी, माता लीला जोशी और बहन पशु चिकित्सक डॉ. सुचिता जोशी को देने वाली श्वेता अब भारतीय डाक सेवा या भारतीय रेलवे डाक सेवा में अधिकारी बनेंगी।
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वर्तमान में शहरी आवास विकास मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं श्वेता:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के कपीना मोहल्ला निवासी श्वेता जोशी का चयन सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी)-2019 में हो गया है। बता दें कि बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल दर्जे की छात्रा रही श्वेता वर्तमान में नई दिल्ली के शहरी आवास विकास मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं। उनके पिता चंद्रबल्लभ जोशी जल निगम के सेवानिवृत्त मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हैं जबकि उनकी मां लीला जोशी एक कुशल गृहिणी हैं। बताते चलें कि इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत श्वेता ने 2014 में एनआईटी जालंधर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। जिसके बाद उन्होंने एक निजी कंपनी में दो वर्ष नौकरी की परंतु मन में कुछ बड़ा करने का सपना लेकर उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। जिसके बाद उन्होंने 2018 में सिविल सेवा परीक्षा दी परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। असफल होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और नौकरी के साथ-साथ पहली बार से ज्यादा कड़ी मेहनत कर 2019 की परीक्षा दी। जिसमें उन्हें सफलता मिली। श्वेता का कहना है कि साक्षात्कार और परीक्षा की तैयारी तक के सफर में आईपीएस अधिकारी तृप्ति भट्ट ने उन्हें काफी सहयोग दिया।
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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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