उत्तराखण्ड में जहाँ भीषण गर्मी के बाद मानसून का आगाज हुआ वही पहाड़ो में बारिश ने लोगो का जीना भी दूभर कर दिया है, जी हाँ मौसम विभाग की चेतावनी सही साबित हुई। उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने लोगों को उमस से राहत तो दी, लेकिन कई स्थानों पर जलभराव से सड़कें पानी-पानी हो गई और जीवन अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी देहरादून समेत गढ़वाल व कुमाऊं के कई इलाकों में बारिश ने गर्मी से राहत दी है। वहीं रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड के सारी चमसिल गांव में बादल फटने की सूचना है। हालांकि प्रशासन ने किसी भी हानि से इंकार किया है और इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन क्षेत्रीय पटवारी को जानकारी के लिए मौके पर भेज दिया गया है। बता दे की गढ़वाल मंडल में लगातार हो रही भारी बारिश से नदियों जलस्तर में भी भारी इजाफा होने से नदियाँ उफान में है। इसके चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर 620.52 व मंदाकिनी का जल स्तर 619.36 मीटर तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं वहीं, रुद्रप्रयाग जनपद में पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण सारी चलसील गांव मलबे से भर गया। इस दौरान खेत और सड़क बह गई।
सात जिलों में अलर्ट : प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जिले के गोचर से सटे रुद्रप्रयाग जिले के सारी गांव में मूसलाधार बारिश के चलते पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। इस दौरान मलबे से गांव के खेत बुरी तरह अट गए। इतना ही नहीं गांव की पेयजल लाइन तो ध्वस्त हुई ही साथ ही गांव की करीब तीस मीटर सड़क भी बह गई। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गांव के ऊपर जंगल में काफी नुकसान हुआ है। फिलहाल घटना में कोई जनहानी या पशुहानि नही हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार गुरुवार और शुक्रवार को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, टिहरी व उधमसिंहनगर जिलों में भी भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए जिला प्रशासन से एहतिहात बरतने की सलाह दी है।