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Uttarakhand news: Devendra Bisht of munsyari Pithoragarh got 24 position in 12th uk board State merit list. Devendra Bisht uk board topper

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Devendra Bisht uk board topper: देवेंद्र बिष्ट ने दिन में चलाया फावड़ा बेलचा रात में की पढ़ाई मेरिट सूची में पाया नाम

Devendra Bisht uk board topper: परिवार की विषम परिस्थितियों से मासूम हाथों में बेलचा फावड़ा उठाने को मजबूर हुए देवेन्द्र, फिर भी नहीं मानी हार, कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम….

एक बहुत छोटी सी कहावत है ‘जहां चाह वहां राह’। दिखने में भले ही यह कहावत बेहद छोटी हैं परंतु इसके भाव बहुत गहरे हैं। ‌ यूं कहें तो मन में अगर कुछ कर गुजरने की लगन, जोश और जुनून हों मार्ग में आने वाली कोई भी बाधा, विपरीत परिस्थितियां आपका रास्ता नहीं रोक सकती। इसी बात को पूर्णतः सार्थक साबित कर दिखाया है राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के दूरस्थ तहसील क्षेत्र मुनस्यारी के रहने वाले देवेन्द्र सिंह बिष्ट ने। जिन्होंने परिवार की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद न सिर्फ आजीविका चलाने में मां का हाथ बटाया, छुट्टियों पर परिवार की गुजर बसर करने के लिए मेहनत मजदूरी करते हुए बेलचा फावड़ा तक चलाया, और रात में इतने शारीरिक परिश्रम के बावजूद किताबों पर कलम चलाकर अपने सुनहरे भविष्य की पटकथा लिखी। इसी का परिणाम है कि बीते रोज घोषित उत्तराखण्ड बोर्ड के परीक्षा परिणामों में देवेन्द्र को 12वीं में न सिर्फ अच्छे अंक मिले हैं बल्कि उन्होंने समूचे प्रदेश में 24वां स्थान हासिल कर अपने माता पिता के साथ ही जिले का नाम भी रोशन किया है।
(Devendra Bisht uk board topper)
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आपको बता दें कि मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील के बांसबंगड़ क्षेत्र के गोलगांव निवासी देवेन्द्र सिंह बिष्ट ने इस वर्ष राजकीय इंटर कॉलेज बांसबंगड़ से इंटरमीडिएट की परीक्षा 92.6 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। देवेन्द्र बताते हैं कि वह रोजाना ग्राम पंचायत राया के गोलगांव से चार किमी पथरीली पगडंडियों से पैदल चलकर विद्यालय पहुंचते थे और छुट्टी के बाद घर वापस पहुंचने के लिए उन्हें चार किलोमीटर की यह दूरी पुनः तय करनी पड़ती थी। एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले देवेन्द्र के पिता गंगा सिंह जहां क‌ई वर्षों से बीमार है वहीं उनकी मां तुलसी देवी मजदूरी और दूध बेचकर बच्चों का लालन-पालन करती हैं। इन विषम परिस्थितियों में देवेन्द्र भी अवकाश के दिनों में गांव में ही भवन निर्माण सहित मजदूरी के अन्य कार्य करते थे। छोटी सी उम्र में दिन भर कठोर परिश्रम करने के बावजूद वह रात को पढ़ाई करते थे। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते सुनहरे भविष्य की दास्तां लिखने वाले देवेन्द्र भविष्य में आईएएस, आईपीएस अधिकारी बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं।
(Devendra Bisht uk board topper)

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