रूद्रप्रयाग: अलग अंदाज़ में नजर आए DM सौरभ गहरवार किसानों के साथ काटी धान की फसल
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Saurabh Gaharwar Rudraprayag DM : अलग अंदाज़ मे नजर आए रुद्रप्रयाग के डीएम सौरभ गहरवार, खेतों मे पहुँचकर किसानों के साथ काटी धान, फसल कटाई में प्रयोग होने वाले उपकरणों का किया निरीक्षण……
Saurabh Gaharwar Rudraprayag DM : उत्तराखंड के डीएम अक्सर अपने अनोखे अंदाज के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। इसी बीच रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने रतूडा गांव पहुँचकर खेतों मे धान की कटाई की साथ ही किसानों को फसल कटाई के दौरान उपयोग में आने वाले उपकरणों का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा तथा आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीक के इस्तेमाल के बारे में जागरूक किया।
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Rudraprayag DM Saurabh Gaharwar बता दें बीते गुरुवार को रुद्रप्रयाग जिले के जिला अधिकारी सौरभ गहरवार रतूडा गांव पहुंचे थे जहां पर उन्होंने गांव के कृषक वीरेंद्र सिंह के खेत में जाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत संशोधित फसल धान पर फसल कटाई प्रयोग का निरीक्षण किया साथ ही डीएम ने किसानों का हौसला अफजाई करते हुए उनके द्वारा उत्पादित फसलों के बारे में जानकारी प्राप्त की । इस दौरान डीएम सौरभ ने कहा की किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आधुनिक जैविक खेती करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसके लिए संबंधित विभागों द्वारा कृषकों को गुणवत्ता युक्त बीज एवं उचित प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं उन्होंने सभी कृषकों को इसका अधिक से अधिक लाभ लेने को कहा है ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही आत्मनिर्भर भी हो सके। इसके अलावा डीएम सौरभ ने स्थानीय कृषकों को फसल के नुकसान से होने वाली हानि से बचने के लिए बीमा कराने हेतु परामर्श दिया है उन्होंने मौके पर मौजूद राजस्व उप निरीक्षकों को खेत मापन पद्धति के बारे में विस्तार से समझाया साथ ही उन्होंने समस्त अधिकारियों को खेत मापन के संबंध में प्रशिक्षण देने हेतु उप जिला अधिकारी को निर्देशित किया है। जिलाधिकारी द्वारा किसान वीरेंद्र सिंह के क्रॉप कटिंग प्रयोग हेतु चयनित खेत खसरा नंबर – 509 मे बनाए गए प्रयोगात्मक प्लॉट 6x 5 =30 वर्ग मीटर में निरीक्षण किया गया जिसमें प्लॉट उपज 14. 500 किलोग्राम अनुमानित उपज 27 क्विंटल प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि औसत उपज के आधार पर बीमा कंपनियों द्वारा विमित किसानों को क्षती का आकलन करते हुए बीमित धनराशि का भुगतान किया जाता है।
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