उत्तराखंड: पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली फिर बनी एक जच्चा बच्चा के मौत का कारण
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Uttarakhand Health Service: बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते चमोली में जच्चा-बच्चा की मौत से परिजनों में मचा कोहराम अस्पताल पर सवाल खड़े
राज्य के चमोली जिले से दुखद खबर सामने आ रही है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। गर्भवती महिला और नवजात की मौत की खबर से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं परिजनों ने सीएचसी के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें जच्चा-बच्चा की मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सक ने गर्भवती के उपचार में कोई रूचि ना लेकर, सूचना मिलने के काफी देर बाद उसका उपचार शुरू किया जिससे उसकी मौत हो गई। फिलहाल इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।(Uttarakhand Health Service)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के आली मज्याड़ी गांव निवासी जयंती, गर्भवती थी। बताया गया है कि बीते तीन महीनों से वह अपने मायके पोखरी आई हुई थी। जहां रविवार को उसे एकाएक प्रसव पीड़ा होने लगी, जिस पर परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी पहुंचे। जहां जयंती को भर्ती कराने के उपरांत उन्होंने ड्यूटी में कार्यरत चिकित्सक को इसकी सूचना दी। परिजनों के मुताबिक डाक्टर ने जयंती के उपचार में कोई रूचि नहीं ली। वह बुलाने के एक घंटे बाद तो गर्भवती को देखने आया और प्रसव होने वाला है की यह बताकर उनसे इंतजार करने की बात कहने लगा। परिजनों का आरोप है कि जब जयंती दर्द से ज्यादा ही तड़पने लगी तब जाकर चिकित्सक ने महिला का उपचार प्रारंभ किया लेकिन तब तक बच्चा गर्भ में ही मर चुका था। प्रसव के तीन घंटे बाद एकाएक जयंती की भी मौत हो गई।
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