काठगोदाम रेलवे स्टेशन में आए ‘कुमाऊं टाइगर’ का इतिहास है बड़ा रोचक कभी जाते थे इसमें लखनऊ
Kumaon Tiger Kathgodam Railway: काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर कुमाऊं टाइगर के नाम से प्रसिद्ध बाप की इंजन को इन दोनों प्रदर्शनी में लगाया गया है ,सेल्फी लेने वालों की मच रही है होड
आजकल उत्तराखंड के नैनीताल जिले के काठगोदाम स्थित रेलवे स्टेशन पर कुमाऊं टाइगर के नाम से मशहूर ब्रिटिशकालीन ट्रेन का भांप रेल इंजन रेलवे स्टेशन की शोभा को बढ़ा रहा है।रेलवे द्वारा वर्ष 1886 में बने इस भांप के इंजन को धरोहर के रूप में संजोने की पहल की जा रही है।बता दे कि भांप का यह इंजन 19वीं सदी में कुमाऊं मंडल के लोगों को काठगोदाम से लखनऊ तक लाने तथा ले जाने का काम किया करता था। वही आज इस इंजन को काठगोदाम रेलवे स्टेशन में सजाया गया। 19वीं सदी में कुमाऊं के लोगों को दूर-दूर तक ले जाने वाला कुमाऊं टाइगर अब आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन परिसर मे देख सकते है। कुमाऊं टाइगर के नाम से मशहूर इस भाप के इंजन की जगह अब डीजल तथा इलेक्ट्रिक इंजन ने ले ली है।(Kumaon Tiger Kathgodam Railway)
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लेकिन एक सदी मे लोग इसी भांप वाले इंजन से आवाजाही करते थे। वही काठगोदाम रेलवे स्टेशन परिसर में 19वीं सदी के इस इंजन को प्रदर्शनी में लगाया गया है। इससे पूर्व इस इंजन को पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शनी के लिए लगाया था। इस भाप वाले इंजन के साथ सेल्फी लेने वाले लोगो की भी होड़ मची हुई है।स्टेशन इंचार्च चयन राय के अनुसार कुमाऊं के लोगों को उस सदी की शान कहे जाने वाले इस भाप के इंजन कुमाऊं टाइगर को देखकर गर्व महसूस हो इसलिए इसे यहां प्रदर्शित किया है।