जहाँ एक ओर सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस देने की बात करती है वही फिर भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे परिवहन विभाग को हिला कर रख दिया है। यह मामला रुद्रपुर डिपो की बस का है, जिसमे बेटिकट सवारी पकड़े जाने पर परिचालक ई-टिकट मशीन और कैश लेकर भाग गया। बता दें कि मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के आदेश के बाद परिवहन विभाग ने उत्तराखंड परिवहन निगम में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि यात्रियों को फर्जी टिकट देकर या बेटिकट यात्रा कराने वालें परिचालकों पर सीधे एफआईआर करके कार्रवाई की जाएं। परंतु निगम से सौ कदम आगे चलने वाले इन परिचालकों ने इस नियम का भी तोड़ निकाल ही लिया। इसे परिवहन विभाग का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इतना सख्त नियम बनाने के बावजूद भी उस पर फर्जीवाड़े का तमगा लगा।
रोडवेज मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक रुद्रपुर डिपो की एक साधारण बस (यूके07पीए-1488) देर रात एक बजे दिल्ली से रुद्रपुर के लिए निकली। बस में 32 सवारी थी। बस पर विशेष श्रेणी का परिचालक बिजेंद्र सिंह तैनात था। आरोप है कि इस बस में लगातार बेटिकट सवारी की शिकायत मिल रही थी। सबसे खाश बात तो ये है की उस मार्ग पर हल्द्वानी डिपो की फ्लाइंग भी मौजूद रहती है, लेकिन कार्रवाई न होने पर मुख्यालय ने रुड़की डिपो की फ्लाइंग को बस चेक करने भेजा। फ्लाइंग में टीआई ओमपाल सिंह ने इस बस को गाजियाबाद के डासना में चेक किया। चेकिंग के दौरान फ्लाइंग के होश तब उड़ गए जब बस में 18 सवारी बेटिकट पाई गई। इसमें बिलासपुर, गजरौला,, काशीपुर आदि की सवारियां शामिल थीं। यात्रियों का कहना है की उन्होंने परिचालक को पूरा किराया दिया हुआ है, लेकिन परिचालक ने ही टिकट नहीं बनाया था। इस पुरे मामले में कुल 3885 रुपये का भ्रष्टाचार पकड़ा गया। इतना ही नहीं आरोप ये भी है की टीम की पूछताछ के दौरान ही परिचालक से फर्जी टिकट भी बरामद हुए। इसी बिच मौका पाकर परिचालक टिकट मशीन और कैश बैग लेकर फरार हो गया। इस बाबत फ्लाइंग टीम ने रोडवेज मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी है। इसके साथ ही मुख्यालय ने आरोपित को बर्खास्त करने के आदेश दे दिए हैं।