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Mahendra Dhoni almora village

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अल्मोड़ा: पत्नी साक्षी संग पैतृक गांव पहुंचे महेंद्र धोनी, हरज्यू की धूणी (मंदिर) में की पूजा अर्चना

Mahendra Dhoni almora village: 20 साल बाद अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे पूर्व भारतीय कप्तान, एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ी भारी भीड़, कुल देवता की पूजा अर्चना कर पैतृक मकान में बिताए सुकून के पल…

Mahendra Dhoni almora village
एक ओर जहां क्रिकेट वर्ल्डकप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल मुकाबला जारी है वहीं दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं मशहूर विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों उत्तराखण्ड के दौरे पर हैं। विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली के दर्शनों के बाद वह अचानक अपने पैतृक गांव पहुंचे हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड के लोगों को हमेशा से यह शिकायत रहती थी कि महेंद्र सिंह धोनी कभी भी उत्तराखंड की बात सोशल मीडिया पर नहीं करते हैं ना ही कभी वह अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा आते हैं लेकिन इस बार उन्होंने अचानक से परिवार के संग अपने पैतृक गांव पहुंचकर न केवल सबको चौंका दिया बल्कि यह इस बात की भी पुष्टि करता है कि कहीं ना कहीं उनके दिल में देवभूमि उत्तराखंड के इस खूबसूरत पैतृक गांव की भूली बिसरी यादें हैं।

जी हां… महेंद्र सिंह धोनी बुधवार को अल्मोड़ा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे हैं। यहां उन्होंने न केवल अपने गांव के लोगों के साथ मुलाकात की बल्कि अपनी पत्नी साक्षी और बेटी के साथ गांव में स्थित ईष्ट देवी देवताओं के मंदिरों में पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने हरज्यू मंदिर में भी पूजा अर्चना कर धूनी की विभूति लगाकर आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में भी पूजा अर्चना की। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पैतृक घर की देहरी पर बैठ कर कुछ क्षण विश्राम भी किया।
Mahendra Dhoni almora village

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Mahendra Dhoni lwali village
आपको बता दें कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के जैंती तहसील क्षेत्र के ल्वाली गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता पान सिंह ने 40-45 साल पहले अपना पैतृक गांव को छोड़ दिया था। वह रोजगार की तलाश में रांची चले गए थे और तब से वहीं रहने लगे। महेंद्र सिंह धोनी माही का बचपन भी वही बीता। हालांकि अभी भी धोनी के पिता धार्मिक आयोजनों में गांव में आते हैं। परंतु महेंद्र सिंह धोनी अपने परिवार के साथ आखिरी बार 2003-2004 में अपने गांव पहुंचे थे। उसके बाद वो टीम इंडिया में शामिल हो गए थे।

बता दें कि 20 साल पहले जब वह अपने गांव आए थे तब ना तो उनको कोई जानता था और ना ही उनका नाम किसी ने सुना था‌। परंतु बीस वर्ष के लंबे इंतजार के बाद जब आज वह अपने पैतृक गांव पहुंचे हैं तो उनका नाम देश विदेश में छाया हुआ है। आज उन्हें बच्चा-बच्चा जानता है। देश विदेश में आज उनके प्रशंसकों की लंबी कतार लगी हुई है। यही कारण है कि बुधवार को जब वह अचानक अपने गांव पहुंचे तो उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए ग्रामीणों की खासी भीड़ उमड़ पड़ी। खासतौर पर माही के साथ सेल्फी खिंचवाने को लेकर युवाओं और बच्चों का जोश देखने लायक था। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने धोनी और उनकी पत्नी साक्षी का पारंपरिक च्यूड़े से पूजन कर उन्हें तरक्की का आशीर्वाद दिया।
(Mahendra Dhoni lwali village)

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