Connect with us

उत्तराखण्ड

वीडियो : हिंदी फिल्म “पीहू” हुई रिलीज देहरादून की मायरा हुई अपनी खतरनारक एक्टिंग से चर्चाओं में



उत्तराखण्ड में जहॉ एक के बाद एक बॉलीवुड फिल्मे बन रही है , वही स्थानीय नन्हे कलाकारों को भी इसमें अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिल रहा है ,कुछ माह पहले रिलीज़ हुई फिल्म बत्ती गुल मीटर चालु में देहरादून की स्वर्णिम ने ‘हर-हर गंगे’ और स्कूल में श्रद्धा कपूर के बचपन के दिनों का रोल निभाया। वही अब दून की छोटी सी बच्ची मायरा हिंदी फिल्म ‘पीहू’ में अपने जबरदस्त एक्टिंग से चर्चाओं में आ गयी।




बता दे की दिल्ली की एक सच्ची घटना पर आधारित निर्देशक विनोद कापड़ी की हिन्दी फिल्म पीहू शुक्रवार से देशभर के विभिन्न सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। मूलरूप से दून की मायरा विश्वकर्मा ने फिल्म में पीहू का रोल निभाया है। इस फिल्म को दून में देखने के लिए दर्शकों में खासा उत्साह रहा। फिल्म काफी प्रभावी नजर आ रही है, और पीवीआर पैसेफिक में सुबह 12:40 और शाम 5:35 पर लगने वाले शो में दर्शकों की काफी भीड़ रही। फिल्म पूरी तरह से इस छोटी सी बच्ची के इर्द गिर्द घूमती है और सस्बे दिलचस्प है , छोटी से बच्ची मायरा व‍िश्‍कर्मा बेहतरीन एक्टिंग ,जिसे देख कर लगता है मानो खुद पिहू ही उस कैमरा को गाइड कर रही है उसे फॉलो करने के लिये। सबसे खाश बात तो ये है की बिना किसी स्टार पॉवर या आइटम सांग के भी ये फ़िल्म आपका ध्यान बांधे रखेगी।





यह भी पढ़ेबाहुबली के बाद साउथ की सबसे बड़े बजट की फिल्म की शूटिंग होगी उत्तराखण्ड में , राजामौली ने सीएम से बात कर तलाशी लोकेशन
क्या है फिल्म की थीम : माता- पिता से अलग बच्चे घर पर जब अकेले होते है तो किसी प्रकार की प्रतिक्रिया करते हैं इसी थीम पर यह फिल्म बनाई गई है। फिल्म के अधिकांश दृश्य में सिर्फ पीहू ही पर्दे पर दिखती है। बाकी सभी किरदार उसके पिता, उसकी मां की दोस्त, सोसायटी का गार्ड, पड़ोसी सबकी सिर्फ आवाजें सुनाई देती हैं। फिल्म शुरुआत से ही पूरा थ्रिल पैदा करने वाली है , फिल्म में पीहू बच सकेगी या नहीं यही सस्पेंस क्रिएट होता है। एक 2 साल की बच्ची घर में बिल्कुल अकेली हो, तो उसका अपना ही घर उसके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इसका रोंगटे खड़े करने वाला सिनेमाई चित्रण है फिल्म ‘पीहू’। विनोद कापड़ी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पीहू’ इसी सेंट्रल आइडिया पर बुनी गई है कि अगर एक छोटा बच्चा घर में अकेला रह जाए, तो वह क्या-क्या कर सकता है और उसके साथ क्या-क्या हो सकता है, फिल्म की इकलौती किरदार पीहू (मायरा विश्वकर्मा) एक रात पहले ही दो साल की हुई है। दूसरे दिन सुबह उठती है, तो अपनी मां (प्रेरणा शर्मा) को बिस्तर पर सोया पाती है, जिसने असल में नींद की गोलियां खाकर अपनी जान दे दी है।



यह भी पढ़ेउत्तराखण्ड के युवा गायक आशीष चमोली के धमाकेदार गीत ने मचा दिया यूट्यूब पर आते ही धूम
ऐसे में, घर में अकेली मासूम पीहू कभी फोन की घंटी बजने पर मोढ़े पर चढ़कर उसे उतारने की कोशिश करती है, तो कभी भूख लगने पर ओवन का स्विच ऑन करके और गैस जलाकर रोटी गरम करती है। कभी फ्रिज का सामान निकालकर खुद उसमें बंद हो जाती है, तो कभी गुड़िया गिर जाने पर बालकनी की रेलिंग पर चढ़ जाती है। कुल मिलाकर 92 मिनट की इस फिल्म के दौरान वह ऐसे-ऐसे खतरों से गुजरती है कि आप सिहर उठते हैं।




More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!