वीडियो : हिंदी फिल्म “पीहू” हुई रिलीज देहरादून की मायरा हुई अपनी खतरनारक एक्टिंग से चर्चाओं में
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क्या है फिल्म की थीम : माता- पिता से अलग बच्चे घर पर जब अकेले होते है तो किसी प्रकार की प्रतिक्रिया करते हैं इसी थीम पर यह फिल्म बनाई गई है। फिल्म के अधिकांश दृश्य में सिर्फ पीहू ही पर्दे पर दिखती है। बाकी सभी किरदार उसके पिता, उसकी मां की दोस्त, सोसायटी का गार्ड, पड़ोसी सबकी सिर्फ आवाजें सुनाई देती हैं। फिल्म शुरुआत से ही पूरा थ्रिल पैदा करने वाली है , फिल्म में पीहू बच सकेगी या नहीं यही सस्पेंस क्रिएट होता है। एक 2 साल की बच्ची घर में बिल्कुल अकेली हो, तो उसका अपना ही घर उसके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इसका रोंगटे खड़े करने वाला सिनेमाई चित्रण है फिल्म ‘पीहू’। विनोद कापड़ी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पीहू’ इसी सेंट्रल आइडिया पर बुनी गई है कि अगर एक छोटा बच्चा घर में अकेला रह जाए, तो वह क्या-क्या कर सकता है और उसके साथ क्या-क्या हो सकता है, फिल्म की इकलौती किरदार पीहू (मायरा विश्वकर्मा) एक रात पहले ही दो साल की हुई है। दूसरे दिन सुबह उठती है, तो अपनी मां (प्रेरणा शर्मा) को बिस्तर पर सोया पाती है, जिसने असल में नींद की गोलियां खाकर अपनी जान दे दी है।
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ऐसे में, घर में अकेली मासूम पीहू कभी फोन की घंटी बजने पर मोढ़े पर चढ़कर उसे उतारने की कोशिश करती है, तो कभी भूख लगने पर ओवन का स्विच ऑन करके और गैस जलाकर रोटी गरम करती है। कभी फ्रिज का सामान निकालकर खुद उसमें बंद हो जाती है, तो कभी गुड़िया गिर जाने पर बालकनी की रेलिंग पर चढ़ जाती है। कुल मिलाकर 92 मिनट की इस फिल्म के दौरान वह ऐसे-ऐसे खतरों से गुजरती है कि आप सिहर उठते हैं।