Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Harish aswal Bageshwar Uttarakhand saheed

Uttarakhand Martyr

उत्तराखण्ड

बागेश्वर

उत्तराखण्ड का एक और जवान हुआ शहीद, जम्मू-कश्मीर में आपरेशन के दौरान दिया बलिदान

Harish aswal Uttarakhand saheed: शहादत की खबर से शहीद के परिवार में मचा कोहराम, परिजनों का रो रोकर बुरा हाल, दो मासूम के सिर से उठा पिता का साया, शुक्रवार दोपहर तक पैतृक गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर….

Harish aswal Uttarakhand saheed
समूचे उत्तराखण्ड के लिए जम्मू कश्मीर से एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां उधमपुर जिले में तैनात भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान हरीश सिंह असवाल के रूप में हुई है। बताया गया है कि वे मूल रूप से बागेश्वर जिले के काफलीगैर तहसील क्षेत्र के असों-मल्लाकोट गांव के रहने वाले थे तथा भारतीय सेना की दो पैरा रेजिमेंट में कार्यरत थे। उनकी शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है और परिजनों की आंखों से अश्रुओं की धारा थमने का नाम नहीं ले रही हैं वहीं समूचे क्षेत्र में भी शोक की लहर दौड़ गई है। शहीद जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार दोपहर तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना जताई गई है, जिसके बाद बागेश्वर के सरयू-गोमती संगम पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Harish aswal Uttarakhand saheed
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड का जवान ड्यूटी के दौरान शहीद, मासूम बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

Harish aswal Bageshwar saheed
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के काफलीगैर तहसील क्षेत्र के असों-मल्लाकोट गांव निवासी हरीश सिंह असवाल पुत्र प्रताप सिंह असवाल दो पैरा रेजिमेंट में कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में थी। जहां बीते 14 नवंबर को एक ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। इस संबंध में गांव के ग्राम प्रधान नंदन सिंह असवाल ने बताया कि सेना की ओर से हरीश की शहादत की सूचना उनके परिजनों को बीते गुरुवार को दी गई, जिसके बाद से ही उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उन्होंने बताया कि सेना के जवान शहीद हरीश के पार्थिव शरीर को लेकर जम्मू कश्मीर से गांव के लिए रवाना हो गए हैं। उनके शुक्रवार दोपहर तक पहुंचने की संभावना है। बताते चलें कि शहीद हरीश अपने पीछे दो मासूम बच्चों के साथ ही भरे पूरे परिवार को रोते बिलखते छोड़ गए हैं। उनके पिता प्रताप सिंह जहां सेवानिवृत्त शिक्षक हैं वहीं उनकी माता मोहनी देवी और पत्नी भावना देवी गृहिणी हैं। उनके दो बच्चे आदित्य और गुंजन अल्मोड़ा में पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी शहादत की खबर से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
Harish aswal Bageshwar saheed

यह भी पढ़ें- नैनीताल: शादी से ठीक 15 दिन पहले चली गई युवक की जिंदगी दिवाली में मचा कोहराम

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।

👉👉TWITTER पर जुडिए।

लेख शेयर करे

More in Uttarakhand Martyr

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top