उत्तराखंड: जौनसार बावर की प्रीति चौहान बनी असिस्टेंट प्रोफेसर बढ़ाया परिजनों का मान
Preeti Chauhan Assistant Professor: पिता करते है गाँव मे खेती- बाड़ी का काम, प्रीति ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर बढ़ाया उनका मान………….
Preeti Chauhan Assistant Professor:
उत्तराखंड की होनहार बेटियों की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। यहाँ की बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है फिर चाहे वह क्षेत्र खेल जगत हो या फिर शैक्षिक जगत। आज राज्य की होनहार बेटियां अपनी कड़ी मेहनत और लगन के जरिए सफलता के ऊंचे- ऊंचे शिखर प्राप्त कर अपने माता- पिता के साथ अपने क्षेत्र व प्रदेश का मान बढ़ा रही है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही प्रतिभावान बेटी से रूबरू कराने जा हैं जिनका चयन उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। जी हां…. हम बात कर रहे है देहरादून जिले के जौनसार बावर क्षेत्र की रहने वाली होनहार बेटी प्रीति चौहान की, जो राजकीय महाविद्यालय में छात्र छात्राओं गणित विषय पढ़ाएगी। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता भी लगा हुआ है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के देहरादून जिले के चकराता के जौनसार बावर क्षेत्र के सावरा गांव निवासी प्रीति चौहान का चयन उत्तराखंड शासन के उच्च शिक्षा विभाग के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर गणित विषय के लिए हो गया है। बता दें कि एक सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रीति चौहान के पिता सरदार सिंह चौहान जहां गांव में रहकर खेती-बाड़ी का काम करते हैं वहीं उनकी माँ बुधो देवी एक कुशल गृहणी है। अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त करने वाली प्रीति ने वर्ष 2011 में राजकीय इंटर कॉलेज चकराता से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण के पश्चात वर्ष 2014 में केसरी चंद राजकीय महाविद्यालय डाकपत्थर से बीएससी की डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की है। तदोपरांत उन्होंने 2015 में बीएड एवं 2017 में गणित विषय से एमएससी की पढ़ाई पूरी की।
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बता दें वर्ष 2019 में प्रीति नेट की परीक्षा भी क्वालीफाई कर चुकी हैं। वर्तमान में वह एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं। अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देने वाली ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वह स्व अध्ययन से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी भी कर रही थी जिसके कारण ही उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई है।
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