Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt=" ramesh bahuguna Indian army image"

उत्तराखण्ड

देहरादून

उत्तराखण्ड : पंचतत्व में विलीन हुए वीर जवान रमेश बहुगुणा, हर आँख हुई नम

Indian army image: सियाचिन में तैनात थे हवलदार रमेश, अपने पीछे मां और पत्नी के साथ छोड़ गए दो नन्हे-मुन्नै बच्चों को..
alt=" ramesh bahuguna Indian army image"

सियाचिन में तैनात राज्य के वीर सपूत रमेश बहुगुणा को क्षेत्र के लोगों ने आज नम आंखों से विदाई दी। बता दें कि मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले एवं भारतीय सेना(Indian army image) में तैनात रमेश बहुगुणा की अचानक तबियत बिगड़ने से अस्पताल में मौत हो गई थी। आज सुबह जैसे ही सेना के वाहन से तिरंगे में लिपटा हुआ मृतक जवान रमेश का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो परिजनों का दुःख आंसूओं के रूप में बाहर आने लगा। आस-पड़ोस के ग्रामीण परिजनों को सांत्वना देने मृतक जवान के घर तो पहुंचे लेकिन घर पहुंचने के बाद इस दुखद घड़ी में उनके आंखों से भी अश्रुओं की धारा बह निकली। परिजनों के द्वारा जवान की अंतिम क्रिया करने के बाद गमहीन माहौल में जवान की अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसके बाद ऋषिकेश स्थित पूर्णानंद घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ मृतक जवान का अंतिम संस्कार किया गया। जवान के अचानक मौत की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छाई हुई है। (Indian army image)


यह भी पढ़ें: पिथौरागढ़ में प्रसव के 24 घंटे बाद महिला की मौत छोड़ गई दुधमुही बच्ची को, परिजनों में आक्रोश

हवलदार रमेश ने बच्चों से किया था मार्च में घर आने का वादा लेकिन उससे पहले आई जवान के मौत की खबर:- प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के चम्बा ब्लाक के साबली गांव निवासी हवलदार रमेश बहुगुणा पुत्र स्व. टीकाराम बहुगुणा भारतीय सेना(Indian army image) की महार रेजीमेंट में फरवरी 2002 में भर्ती हुए थे। अगस्त 2019 से उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के सियाचिन में हुई थी। बताया गया है कि बीते 31 जनवरी को हवलदार रमेश की तबीयत अचानक बिगड़ जिसके बाद सैन्य अधिकारियों ने उन्हें 1 फरवरी को चंडीगढ़ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया जहां उन्होंने उपचार के दौरान बीते सोमवार को अस्पताल में दम तोड दिया। जवान के मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया। चिकित्सकों का कहना है कि हवलदार रमेश की मौत सियाचिन में पड़ रही कड़ाके की ठंड और ऑक्सीजन की कमी से हुई है। बता दें कि मृतक जवान की आयु अभी मात्र 38 वर्ष थी और वह अपने पीछे दो ‌छोटे बच्चे, पत्नी लक्ष्मी और मां सरस्वती देवी को रोते-बिलखते बदहवास हालत में छोड़कर चले गए हैं। रमेश का बेटा अभिनव पहली जबकि बेटी वैष्णवी एलकेजी की छात्रा है। परिजनों का कहना है कि रमेश ने पिछली बार नवंबर 2019 में ड्यूटी पर जाने से पहले अपने बच्चों से नई कक्षा में एडमिशन दिलाने के लिए मार्च में घर आने का वादा किया था।


यह भी पढ़ें- आखिर क्यों: अखबार के एक टुकड़े तक सिमट कर रह गई उत्तराखण्ड के जवान के लापता होने की खबर?

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top