देवप्रयाग हादसा: नहीं मिली लापता भाईयों की खबर, मां हुई बेसुध, पिता लगा रहे थाने के चक्कर
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Devprayag News Today: खबर सुनते ही बदहवास हुई मां, बार बार हो रही बेसुध, पिता पथरीली आंखों से कर रहे बच्चों का इंतजार, मांग रहे सलामती की दुआ, चमत्कार की आस में लगा रहे थाने के चक्कर…
बीते रविवार को टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग क्षेत्र में हुए दुखद हादसे से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। नदी में लापता हुए दोनों भाइयों आदेश और अभिषेक की मां संगीता इस खबर को सुनकर बेसुध हो गई है। वह बार बार बेहोश हो रही है। उसकी आंखों से बहती अश्रुओं की धारा में मां की ममता सहज ही देखी जा सकती है। संगीता को इस बदहवास हालत में देखकर परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहे आस पास के ग्रामीणों भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। जहां एक ओर संगीता की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है वहीं बच्चों के पिता हीरालाल पथरीली आंखों से बच्चों का इंतजार कर उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। वह दिन में कई बार इस आस से देवप्रयाग थाने के चक्कर लगा रहे हैं कि क्या पता इस बार उनके कलेजे के टुकड़ों के बारे में कोई खबर मिल जाए। बता दें कि आदेश गांव के ही स्कूल में कक्षा तीन का छात्र है जबकि अभिषेक कक्षा एक में पढ़ता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक दोनों भाई रविवार को छुट्टी होने के कारण नदी किनारे खेलने गए थे।
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गौरतलब है कि टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग क्षेत्र के पुंडल मोहल्ला निवासी हीरालाल मिश्रा का 12 वर्षीय बेटा आदेश व 8 वर्षीय अभिषेक रविवार को अपने दो दोस्तों के साथ घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर धनेश्वर घाट की ओर खेलने गए थे। इसी दौरान पैर फिसलने से एकाएक अभिषेक नदी में गिर गया था, जिसे बचाने के लिए बड़े भाई आदेश ने भी नदी में छलांग लगा दी थी। तब से दोनों भाइयों का कोई पता नहीं चल पाया है। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बच्चों की तलाश में जुटी हुई है परन्तु अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पाई है। बता दें कि हीरालाल की दो शादियां है। पहली शादी से दो बेटे हैं जबकि दूसरी शादी से तीन बच्चे आदेश, अभिषेक व अंबिका हैं। आदेश और अभिषेक जहां पुंडल के नदी पार स्थित प्राथमिक विद्यालय देवप्रयाग में पढ़ते हैं वहीं चार वर्षीय अंबिका अभी घर में ही रहती है। बताया गया है कि हीरालाल पहले खच्चर चलाकर घर परिवार की आजीविका चलाता था परंतु अब वह छोटे मोटे काम कर परिवार का भरण पोषण करता है।
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