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Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में बनेगा देश का सबसे सख्त ‘दंगा रोधी’ कानून

Uttarakhand News Today: केबिनेट ने दी अध्यादेश को मंजूरी, न अपील न सुनवाई, एक बार के फैसले ही होगी कड़ी कार्रवाई….

Uttarakhand News Today
देश के सबसे कठोरतम नकल विरोधी कानून और देश में पहली बार समान नागरिक संहिता लागू करने जैसे कदम उठाने वाली धामी सरकार ने अब दंगाइयों पर चोट करने के लिए देश का तीसरा दंगारोधी कानून बनाने जा रही है। बताया गया है कि भले ही यह कानून इससे पूर्व में देश के हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश दो राज्यों में लागू हो परंतु धामी सरकार द्वारा देवभूमि उत्तराखंड में लागू किया जाने वाला कानून इन दोनों राज्यों से भी अधिक सख्त होगा। जिसके तहत एक बार फैसला आ जाने पर न तो अपील की जा सकेगी और ना ही दुबारा सुनवाई करेगी। बता दें कि देवभूमि में दंगे, फसाद या अशांति फैलाने वाले पर नकेल कसने के लिए धामी सरकार दंगारोधी कानून लागू करने जा रही है। जिसके तहत न केवल सरकार दंगाइयों से सरकारी और निजी चल या अचल संपत्ति के नुकसान की भरपाई करेगी, बल्कि दंगा-फसाद पर काबू पाने के लिए सरकारी मशीनरी का जो खर्च होगा, वह भी दंगाइयों से वसूला जाएगा। आपको बता दें कि बीते सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश-2024 को मंजूरी दे दी गई। जिसके उपरांत अब इसे राज्यपाल को भेज दिया गया है, जहां से मंजूरी मिलने के उपरांत यह अधिनियम (कानून) बन जाएगा और पूरे प्रदेश में लागू होगा।
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इतना ही नहीं इस कानून के तहत यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि कानून के तहत गठित होने वाले दावा अधिकरण (ट्रिब्यूनल) ने यदि एक बार अपना फैसला सुना देगा तो उसके खिलाफ न तो किसी भी न्यायालय में अपील की जा सकेगी और ना ही कोई न्यायालय सुनवाई कर सकेगा। कुल मिलाकर अधिकरण का फैसला ही अंतिम होगा। बता दें कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में दंगा-फसाद या विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत्यु पर प्रतिवादी से पांच लाख रुपये और घायल होने पर एक लाख रुपये के जुर्माना वसूलने का प्रावधान है वहीं उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए जा रहे कानून में दंगे के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर प्रति व्यक्ति आठ लाख और घायल पर प्रति व्यक्ति दो लाख का जुर्माना दंगाइयों से वसूलने का प्रावधान किया गया है।
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अब उत्तराखंड में दंगा होने पर राज्य सरकार उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 के तहत कार्रवाई करेगी, जिसके लिए एक से अधिक दावा अधिकरण (क्लेम ट्रिब्यूनल) बनाए जाएंगे और एडीएम श्रेणी के अधिकारी को दावा आयुक्त को जिम्मेदारी दी जाएगी। दावा अधिकरण में रिटायर्ड जज के अलावा अन्य सदस्य होंगे। इस बारे में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि अब देवभूमि में दंगा फसाद करना आसान नहीं होगा। कानून तोड़ने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। दंगाइयों को न सिर्फ कड़ी सजा मिलेगी बल्कि दंगा फसाद के दौरान हुए नुकसान की भरपाई एवं पीड़ितों को दिया जाने वाला मुआवजा भी उन्हीं से वसूला जाएगा। उन्होंने उत्तराखण्ड कैबिनेट द्वारा मंजूर इस अध्यादेश को देश का सबसे सख्त दंगा रोधी कानून बताया है, जिसमें दोषियों को सजा देने के लिए क‌ई कड़े प्रावधान किए गए हैं।

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