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Uttarakhand Government Happy Independence Day
Uttarakhand government under pressure, CM Dhami approves anti-copying ordinance, after protest of youth. Cm Dhami protest news

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देहरादून

दबाव में उत्तराखण्ड सरकार CM ने दी नकलरोधी अध्यादेश को मंजूरी रंग ला रहा युवाओं का संघर्ष

Cm Dhami protest news: आंदोलन दबाने की कोशिश करने में जुटी सरकार, अपनाई जा रही साम दाम दण्ड भेद की रणनीति, युवाओं की एक मांग हुई पूरी, मुख्यमंत्री ने दी नकल रोधी अध्यादेश 2023 को अपनी मंजूरी….

इस वक्त की सबसे बड़ी खबर राजधानी देहरादून से सामने आ रही है जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) नकल रोधी अध्यादेश 2023 को अपनी मंजूरी देते हुए राज्यपाल को भेज दिया है। सीएम धामी ने खुद इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया पेज से दी है। जिसको देखते हुए यह कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं लग रहा है कि युवाओं के आंदोलन से अब सरकार पूरी तरह दबाव में आ ग‌ई है। बता दें कि गुरूवार को देहरादून में हुई लाठीचार्ज की घटना से जहां सरकार की बुरी तरह किरकिरी हो रही है वहीं इसके विरोध में उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ ने शुक्रवार 10 फरवरी को उत्तराखंड बंद का आह्वान कर दिया है।
यह भी पढ़ें- 10 फरवरी को बंद रहेगा उत्तराखण्ड? लाठीचार्ज के विरोध में बेरोजगार संघ ने किया आह्वान

आइए जानते हैं मुख्यमंत्री धामी द्वारा अनुमोदित नकल रोधी अध्यादेश 2023 के मुख्य प्रावधानों के बारे में:-
1) इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास की सजा तथा 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
2) यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
3) यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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4) यदि उक्त परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
5) यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोष सिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
6)यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
7) अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।

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