Premchand Aggarwal video viral: कैबिनेट मंत्री के अशोभनीय शब्दों को सुनकर आहत हुआ पर्वतीय समुदाय, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही मंत्री की किरकिरी….
Premchand Aggarwal video viral:क्या ये उत्तराखण्ड सा… पहाड़ के लोगों के लिए बना है? उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री द्वारा विधानसभा में बोले गए यही वो शब्द हैं जो इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। जी हां… शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों का जबाब देते हुए राज्य के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल एकाएक आवेश में आ गए। उन्होंने न केवल विपक्ष पर राज्य को बांटने का आरोप लगाया बल्कि राज्य के पर्वतीय समाज पर तंज भी कसा। इतना ही नहीं उन्होंने अपना आपा खोते हुए संसद की मर्यादा को भूलकर पहाड़ी जनमानस के लिए अशोभनीय शब्द( साले… पहाड़ के लोग) भी बोले। जिसके कारण इस वक्त सोशल मीडिया पर उनकी जमकर किरकरी भी हो रही है। भले ही उन्होंने यह शब्द गुस्से में बोले हो परंतु ये न केवल उनकी संकीर्ण मानसिकता को प्रदर्शित करते हैं बल्कि अपने तंज से उन्होंने पहाड़ की सबसे बड़ी विडंबना पलायन की भी याद दिला दी। उन्होंने यहां तक कहा कि वे अग्रवाल है, इसलिए विपक्ष उन्हें आब्जेक्ट बना रहे हैं। माननीय मंत्री जी शायद यह भूल गए कि वे बतौर कैबिनेट मंत्री, वित्त समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री होने के साथ ही समूचे उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
Premchand Aggarwal assembly session दरअसल शुक्रवार को भोजन अवकाश से ठीक पहले नियम 58 के तहत चर्चा में हिस्सा लेते हुए अल्मोड़ा से कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने जिला विकास प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी जिलों में जहां पर साइकिल खड़ी करने की जगह भी नहीं है, वहां पर नक्शा पास करने के लिए गाड़ी की पार्किंग को अनिवार्य किया गया है। ऐसे सख्त नियमों से पहाड़ के लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। इसी दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि यहां पहाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। जिस पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपना आपा खो बैठे। उन्होंने आवेश में आकर कहा कि क्या ये उत्तराखण्ड सा… पहाड़ के लोगों (पहाड़ियों ) के लिए बना है? मंत्री जी यही नहीं रूके उन्होंने पहाड़ की दुखती रग पर हाथ रखते हुए यहा तक कह दिया है पहाड़ में है कौन, कोई राजस्थान से आया है कोई मध्यप्रदेश से आया है कोई बिहार से कोई…। इसका मतलब साफ है कि प्रेमचंद अग्रवाल पहाड़ में रहने वाले लोगों को उत्तराखंडी मानते ही नहीं है, तभी तो उन्होंने इस प्रकार की अशोभनीय टिप्पणी पहाड़ के वाशिंदों पर की है। यह भी पढ़ें- ये देखिए वायरल विडियो की सच्चाई CM तीरथ रावत,18+ आयु वालों को ऑक्सीजन लगनी हुई शुरू
Premchand Aggarwal cabinet minister उत्तराखंड की विधानसभा, हमारे जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करने वाली विधानसभा के सदन में इस तरह के अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल करने वाले, पर्वतीय समुदाय पर तंज कसने वाले माननीय कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को ये समझना चाहिए कि उनके के ये बोल भी उन्हीं जैसे नेताओं की कारस्तानी के कारण है। सरकार द्वारा पहाड़ के लोगों को पहाड़ में बुनियादी सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार मुहैया न करा पाने के कारण ही राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के लोग पलायन करने को मजबूर हैं। तीर के जैसे चुभते उनके ये शब्द कि पहाड़ में कोई राजस्थान कोई बिहार कोई….. से आया है, भी उन्हीं जैसे सत्ताधारी नेताओं की कारगुजारी है, जिन्होंने पहाड़ की सभ्यता, संस्कृति की रक्षा को कोई ठोस कदम नहीं उठाए और कभी इन्वेस्टर मीट तो कभी पर्यटन के नाम पर भूमि क़ानूनों में संशोधन कर बाहरी लोगों के लिए पहाड़ में जमीन खरीदने वहां के स्थायी नागरिक बनने के द्वार खोले। बावजूद इसके वह इस तरह के शर्मनाक शब्द विधानसभा में बोल रहे हैं। उन्हें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि वर्ष 2018 में किसने भू कानून में संशोधन कर दूसरे राज्यों के लोगों को पहाड़ आने के लिए आमंत्रित किया, किसने पहाड़ में जमीन खरीदने की छूट दी।