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Uttarakhand Government Happy Independence Day
Bageshwar Superintendent of Police Rachita Juyal

Uttarakhand Police

उत्तराखण्ड

बागेश्वर

पुलिस थाने के भोजनालयों को सार्वजनिक भोजनालय बनाने वाला बागेश्वर पहला जिला बना

लाकडाउन के दौरान लोगों की मदद कर उत्तराखण्ड पुलिस ने निभाई एक कुशल मित्र की भूमिका, पुलिस अधीक्षक रचिता जुयाल (Rachita Juyal) के नेतृत्व में बागेश्वर पुलिस (Bageshwar Police) ने भी रखा गरीबों, और जरूरतमंदों का ख्याल..

कोरोना वायरस के कारण घोषित हुए देशव्यापी लाकडाउन में उत्तराखंड पुलिस लोगों की मददगार साबित हुई। लाकडाउन के दौरान सभी जनपदों में तैनात उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों ने जिस तरह गरीब, असहाय तथा जरूरतमंद लोगों की मदद की उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिर क्यों उत्तराखण्ड पुलिस को मित्र पुलिस का दर्जा दिया जाता है। बात अगर बागेश्वर जनपद की करें तो राज्य के अन्य जनपदों की तरह बागेश्वर पुलिस ने भी कोरोना काल में एक कुशल मित्र की भूमिका निभाई। बागेश्वर की पुलिस अधीक्षक रचिता जुयाल (Rachita Juyal) की पहल पर जहां जिले के सभी थानों और फायर स्टेशनों के भोजनालय में लॉकडाउन में फंसे बाहरी लोगों और जरूरतमंदों को प्रतिदिन दो समय का भोजन कराया गया वहीं ठेली लगाने वाले 20 लोगों को घर चलाने के लिए आर्थिक मदद भी बागेश्वर पुलिस (Bageshwar Police) द्वारा दी गई। सबसे खास बात तो यह है कि गरीब और जरूरतमंदों को दो वक्त का खाना मुहैया कराकर बागेश्वर, थाने के भोजनालयों को सार्वजनिक भोजनालय बनाने वाला राज्य का पहला जिला बना। पुलिस कर्मियों की इस पहल की जहां स्थानीय लोगों ने जमकर सराहना की वहीं तमाम जागरूक लोगों और संगठनों ने भी इस नेक काम के लिए पुलिस को राशन और अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई।
यह भी पढ़ें- बागेश्वर पुलिस अधीक्षक रचिता जुयाल की नेक पहल: जरूरतमंदों को पुलिस मैस में खिलाएंगी भोजन

लाकडाउन‌ में जनता द्वारा मिले सहयोग के लिए पुलिस अधीक्षक रचिता ने की जिलेवासियों की सराहना:-

बता दें कि बागेश्वर जिले की पुलिस अधीक्षक रचिता जुयाल ने लाकडाउन के दौरान नगर वासियों से मिले सहयोग की सराहना की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौर में जिस तरह लोगों का भरपूर साथ मिला, उसी से प्रेरित होकर पुलिस लोगों की मदद कर पाई। रचिता ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान करीब चार सौ लोगों की काउंसिलिंग कराई गई, ताकि वे आत्महत्या जैसे कदम न उठा पाएं। इतना ही नहीं एसपी ने नगरवासियों को एक बार फिर आश्वस्त किया है कि बागेश्वर पुलिस हमेशा जनता की मदद को तत्पर रहेगी। बताते चलें कि एसपी की मुहिम पर जिस तरह पुलिस थानों और फायर स्टेशन के भोजनालय को सार्वजनिक भोजनालय में बदलकर लॉकडाउन की विपरित परिस्थितियों में जरूरतमंदों को प्रत्येक दिन भोजन कराया गया वह वाकई काबिले-तारीफ है। लाकडाउन के दौरान बागेश्वर पुलिस ने जहां 2796 लोगों को पुलिस थाने के भोजनालयों में भोजन कराया वहीं 5537 परिवारों को राशन और अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। इतना ही नहीं पुलिस लाइन में महिला पुलिस कर्मियों ने मास्क भी बनाए और 5460 लोगों को सैनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराए गए। 50 से अधिक लोगों के घरों में पुलिस ने लाकडाउन में दवा पहुंचाई। इतना ही नहीं 12 गर्भवती महिलाओं, 150 मरीजों तथा 24 वरिष्ठ नागरिकों को पुलिस के वाहन से ससमय अस्पताल पहुंचाकर उनका उपचार भी करवाया। जरूरतमंदों को रक्तदान करने में भी बागेश्वर पुलिस के जवान पीछे नहीं रहे।

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